परशुराम परिवार जमशेदपुर द्वारा भगवान् परशुराम की जयंती मनाई गयी
जमशेदपुर; परशुराम परिवार जमशेदपुर द्वारा भगवान् परशुराम का अवतरण दिवस स्थानीय निर्मल गेस्ट हॉउस, बिष्टुपुर में मनाया गया. इस कार्यक्रम में आदरणीय कमल किशोर पाण्डेय, ट्रैफिक डी एस पी मुख्य अथिति के रूप मे उपस्थित हुए. विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व प्राचार्य, वर्कर्स कॉलेज, डॉ. डी पी शुक्ला ने अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई. कार्यक्रम की अध्यक्षता आदरणीय विष्णु भगवान पाठक एवं मंच संचालन श्री संजीव आचार्य ने किया, स्वागत भाषण अधिवक्ता भगवान मिश्रा, संस्था का विषय प्रवेश ब्रजेन्द्र नाथ मिश्रा ने किया,साथ में आलोक रंजन,कृष्णा बनर्जी , निशान, कन्हैया पाण्डेय, आंनद, अभिषेक, सौरभ बनर्जी, सुशांत कुमार, आशीष कुमार, बसंत कुमार, नीलकंठ राव, विजय कुमार का सराहानीय सहयोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने में रहा! कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम भगवान परशुराम जी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर, स्वास्तिक वाचन की मंत्र पंडितों को द्वारा किया गया, तत्पश्चात उपस्थित सभी पदाधिकारियों के द्वारा भगवान श्री परशुराम जी की तस्वीर पर पुष्प माला अर्पित कर, दीप अगरबत्ती दिखाकर आराध्य देव की पूजा अर्चना किया गया, उपस्थित सभी पदाधिकारियों को अंग वस्त्र देकर मुख्य अतिथि ट्राफिक डीएसपी कमल किशोर पांडे के द्वारा स्वागत किया गया ! उपस्थित सभी वक्ताओं ने संगठन और संस्कार पर बल दिया. आगामी वर्ष में वृहत स्तर पर इस कार्यक्रम को मनाने का संकल्प लिया गया. निर्मल गेस्ट हॉउस “जय परशुराम” के नारों से गुंजता रहा. आज के इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ट्रैफिक डीएसपी श्री कमल किशोर पांडे जी ने कहा कि ब्राह्मण ब्रह्मांड का निर्माता है बिना सनातनी ब्राह्मण के भारतवर्ष का परिकल्पना भी नहीं किया जा सकता ब्राह्मणों ने हमेशा से ही त्याग तपस्या और बलिदान से समाज का निर्माण किया है जिस समय मुगल शासन ने अपने तलवार के बल पर भारत वर्ष में 700 साल राज किया उस समय भी, एक भी ब्राह्मणों को मुगल साम्राज्य के द्वारा धर्म परिवर्तन नहीं कर पाया यह ब्राह्मणों का ही देन है , जिन्होंने हमेशा सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आया एक भी सनातनी ब्राह्मण को मुगल समराज डिगा नहीं पाए इसके पीछे शक्ति ब्राह्मणों की ही थी अतः गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं! चाहे महाभारत ग्रंथ का बात की जाए या रामायण की रचना का ब्राह्मण समाज ने हमेशा ही अपना दायित्व भूमिका को राष्ट्र और समाज निर्माण में समर्पित किया है , चाहे चाणक्य की बात की जाए या आर्यभट्ट की बात की जाए ब्राह्मणों ने अपना दायित्व को निभाया है सभा को आगे संबोधित करते हुए वर्कर्स कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर डीपी शुक्ला ने कहा कि अट्ठारह सौ सत्तावन से पहले जब भारत के आजादी के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था तभी मंगल पांडे ने अंग्रेजों के विरोध क्रांति का बिगुल फूंक कर देश में आजादी के लिए एक लहर पैदा कर दिया , 5000 साल पहले श्री कृष्ण एवं सुदामा का मित्रता का व्याख्यान आज भी लोग करते हैं सुदामा ने त्याग और तपस्या के बल पर प्रभु श्री कृष्ण का परम मित्र बना, सुदामा जी ने आज तक अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा था उन्होंने हमेशा प्रभु के चरणों में समर्पित होकर प्रभु भक्ति में लीन थे, वह ब्राह्मण समाज ही है जो शिक्षा के साथ-साथ शस्त्र का निर्माण भी किया है अता: समाज को एकत्रित होकर अपने आने वाले पीढ़ी को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी बने, जिसका ज्ञान प्रत्येक सनातनी ब्राह्मण परिवार के सदस्यों को अपने बच्चों को देना चाहिए सभा को आगे श्री हरिराम ओझा श्री सत्यनारायण मिश्रा श्री मुन्ना चौबे श्री कन्हैया ओझा श्री जगमनजय पांडे श्री आरके दुबे ने भी संबोधित किया धन्यवाद ज्ञापन शिक्षाविद राकेश पांडे ने दिया आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित सत्यनारायण मिश्रा, शशिकांत तिवारी, जयराम मिश्रा, आलोक रंजन, आशीष कुमार, पूरभी चटर्जी, अधिवक्ता बी कामेश्वरी उमा , चंद्र भूषण ओझा, इंद्र कुमार दुबे , रवि उपाध्याय, संतोष कुमार मिश्रा, अंकित तिवारी गौरी शंकर कुमार, अखिलेश्वर कुमार ओझा, हरिराम तिवारी, पंडित चंद्र प्रकाश शुक्ला, पंडित जगदीश तिवारी, पांडे सुदर्शन दत्त, लक्ष्मी नारायण तिवारी, कामेश्वर पांडे, राजीव रंजन पांडे, कामता प्रसाद तिवारी, प्रमोद कुमार ओझा, धर्मेंद्र सिंह, विजय कुमार चौबे, उमेश पांडे, नरेंद्र चौबे, डॉक्टर सुप्रियो भट्टाचार्य , सुनील पांडे,मुकेश कुमार, अश्वनी कुमार तिवारी,दिलीप कुमार शुक्ला ,कन्हैया ओझा, जे पी मिश्रा , अरुण कुमार पांडे, डॉक्टर शालिग्राम मिश्रा, विनीत मिश्रा, कृष्णा बनर्जी, मुन्ना चौबे, बीएन मिश्रा, आर.एम पांडे, अनूप मिश्रा, आभा कुमारी, गौरी कुमारी, चंदना कुमारी, सोमनाथ बनर्जी, अनुपम भट्टाचार्य, धनजी पांडे, सुजीत झा, सचिन पांडे सहित कई परशुराम परिवार के सदस्य एवं पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित थे!