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न्यूनतम मजदूरी 500 रूपए + महंगाई भत्ता पाने के लिए आन्दोलन करना पड़ेगा

जमशेदपुर। झारखंड में साफ-सफाई के कार्यों को लेकर लगभग 71 प्रकार के अनुसूचित उद्योग में कार्य करने वाले एवं असंगठित मजदूर विभिन्न श्रम कानूनों से प्राप्त होने वाले लाभ पाना तो दूर की बात, न्यूनतम मजदूरी भी नहीं ले पाते। पूर्व में श्रम विभाग के अधिकारी कारखाना निरीक्षकों के द्वारा छापामारी व विभिन्न प्रकार की जांच पड़ताल करके मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी के साथ साथ अन्य श्रम कानूनों का लाभ दिलवाते। रघुवर सरकार ने इस्पेक्टर राज्य व्यवस्था को खत्म करने के नाम पर इन अधिकारियों का अधिकार समाप्त कर दिया। जिसके परिणामस्वरूप आज मजदूरों को 8 के बदले 12 घंटे मजदूरी करनी पड़ती है। मजदूरों को गेटपास, पहचान पत्र, पेमेंट स्लिप, नियुक्ति पत्र, एवं सुरक्षा साधन भी नहीं मिल पाता है। अधिकतर मजदूरों को बोनस, छुट्टी, छंटनी मुआवजा प्राप्त होने से वंचित होना पड़ता है। जमशेदपुर शहर के बड़े बड़े उद्योग में स्थाई मजदूर मात्र 20 प्रतिशत है जिन्हें प्रतिमाह 40 हज़ार रुपए वेतन मिलता है और बतौर बोनस लाखों रुपए मिलता है। वहीं दूसरी ओर उनके सहयोगी के रूप में स्थाई प्रकृति के कामों में लगे लगभग 80 प्रतिशत ठेका मजदूर कार्यरत हैं जिन्हें प्रतिमाह मात्र 7-8 हजार रुपए ही वेतन मिलता है और सालाना बोनस एक माह के वेतन के बराबर मिल पाता है। इस असमानता पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। अभी अभी टाटा स्टील के बोनस समझौता में कोल्हान के उप श्रमायुक्त महोदय ने प्रबंधन से कहा कि कम्पनी के लाभांश मे से ठेका मजदूरों को भी सम्मानजनक वेतन और बोनस पाने का हक बनता है। बढ़ती हुई मंहगाई के कारण ठेका एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का जीवन अर्थाभाव में कष्टकर होता जा रहा है बड़े कठिनाई से उनके परिवार का भरण-पोषण हो पाता है। मजदूरों के आर्थिक स्थितियों को देखते हुए हमारी यूनियन मजदूरों के हितों की देखते हुए मुख्यमंत्री झारखंड सरकार के संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है ज्ञान सौप कर आज पूरे 5 माह बीत गया है लेकिन झारखंड सरकार के द्वारा इस विषय पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। इस संबंध में हमारी यूनियन के प्रतिनिधियों ने माननीय विधायक रामदास सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री चम्पाई सोरेन,सरयु राय जी भी मिलकर अनुरोध किया लेकिन मजदूरों का मामला ना तो विधानसभा में उठा और ना ही सरकार की ओर से आज तक कोई कार्रवाई किया गया। ऐसे परिस्थिति में मजदूरों के हस्ताक्षरित ज्ञापन मुख्यमंत्री महोदय के नाम भेजी जाएगी। और यह हस्ताक्षर अभियान दिनांक 01/10/22 से शुरू किया जाएगा और यह अभियान पूरे पूर्वी सिंहभूम में चलाया जाएगा। इस प्रेस वार्ता में मे मुख्य रूप से यूनियन के महासचिव सपन घोषाल, सचिव रमेश कुमार, चुड़ा हांसदा, नरसिंह राव,एस प्रमाणिक, राधा सांडील, संतोष मुखी, शांति मुखी, प्रभात, आदि उपस्थित थे।

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