नो पार्किंग में प्राइवेट वाहनों के साथ कमर्शियल वाहनों का भी चालान काटा जाए: मनोज मिश्रा
जमशेदपुर। नो पार्किंग पर खडे प्राइवेट वाहनों का चालान काटा जाता है तो नो पार्किंग में खडे होकर सवारी बैठाने वाले कमर्शियल वाहनों का चालान क्यों नहीं काटा जाता है, यह कैसा दोहरा ट्रैफ़िक नियम है |उक्त सवाल को उठाया है मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं रोटी बैंक चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन मनोज मिश्रा ने | भुईयाडीह में रोटी बैंक की ओर से आयोजित “”बढ़ती सड़क दुर्घटना के रोकथाम”” विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि बोल रहें थे | उन्होने कहा कि वर्तमान समय में 2023 में प्राप्त एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार झारखंड में, 4,728 सड़क दुर्घटनाओं में 3,513 लोगों की मौत हुई है, जो गंभीर चिंता का विषय है | उन्होने बताया कि एक ओर भारी संख्या में लगातार बढ़ रही कमर्शियल वाहनों की लम्बी कतार सड़को पर ख़डी रहती है, जिसे देखने वाला कोई नहीं रहता है तो वहीँ आधुनिक सड़क प्रणालियों का डिजाइन ऐसा है कि हमेशा सड़क पर चलने वालों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बना रहता है। फुटपाथ और साइकिल ट्रैक का अभाव दुर्घटनाओं के जोखिम और गंभीरता को लगातार बढ़ाने का काम करता है।’ मनोज मिश्रा ने बताया कि शहर में या तो फुटपाथ नहीं है या फिर उसमें अतिक्रमण हो चूका है | जो बचा है उसमे जेएनएसी नेअवैध तरीके से पार्किंग बना कर पार्किंग शुल्क की वसूली कर रहे है | ऐसे में लोग कहाँ चलेंगे, यह बड़ा यक्ष प्रश्न है |
लोग सड़क पर ही चलते हैं और अपनी जान गवांने को मज़बूर होते है | उन्होने कहा कि अनेक बार यातायात जाम में एम्बुलेंस भी फंस जाते है, जबकि एम्बुलेंस और दमकल जैसी आवश्यक सेवा के लिए सड़को में अलग ट्रैक होने चाहिए | उन्होने इस विषय पर जिला प्रशासन को ध्यान देने की अपील की है, ताकि सड़क दुर्घटना को रोका जा सके | आज के कार्यक्रम में अधिवक्ता सलावत महतो, रेणु सिंह, अनिमा दास, जसवंत सिंह, अभिजीत चंदा, जगन्नाथ महंथी, गुरमुख सिंह, किशोर वर्मा, सुशीला अग्रवाल सहित काफ़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे |