नन्ही लीजा ने पुर किया 13 घंटे का रोजा
7 वर्ष की लीजा रखना चाहती है सभी 30 रोजेविगत वर्ष रखे थे 7 रोजे
चाईबासा।इस्लाम के नूर से जग मग बेटियो के हौसले को सलाम।जैंत गढ़ की 7वर्षीय लीजा शमीम के हौसले इस रमज़ान में सातवें आसमान पर है।वह इस साल रमज़ान के सभी 30रोजे रखना चाहती है।लीजा जैंत गढ़ निवासी शम्मा बानो और एन अहमद की बेटी है।वह अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की छात्रा होने के बावजूद धार्मिक विचारधारा से ओत प्रोत है।विगत वर्ष भी उसने 6 वर्ष की उम्र में 7रोजे रखे थे।लीजा की मा शम्मा बानो ने बताया तप्ती धूप और 13 घंटे का रोजा होने के कारण हम लीजा को मना कर रहे थे पर अज़ान से मात्र 10मिनट पहले उठकर जिद करके रोजा रखी।वह भी सेहरी के नाम पर मात्र एक रोटी और एक प्याला दूध लिया। लीजा शमीम ने कहा रमज़ान के पवित्र माह के पूरे रोजे रखना चाहती हूं आप मेरे हक मे दुआ करें कि अल्लाह मुझे पूरे रोजे रखने की तौफीक दे।में अल्लाह से रोजे रख कर दुनिया से नफरत,बुराई और बीमारी समाप्त करने की दुआ करूंगी।मैंने रोजा रखना अपने अब्बू, अम्मी और भाई जान से सीखा है अल्लाह ताला रोजेदार की दुआएं क़ुबूल करते है।