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विकेंद्रित अर्थव्यवस्था ही एकमात्र समाधान : प्रउत

उत्पादन हमेशा उपभोग का खपत के आधार पर होना चाहिए ना की मुनाफे के आधार पर यानि उत्पादन का आधार उपयोग होना चाहिए ना कि मुनाफा

जमशेदपुर, 15 दिसंबर 2023

प्राउटिष्ट यूनिवर्सल की ओर से आयोजित पांच दिवसीय उपयोगिता प्रशिक्षण शिविर (यूटीसी) के प्रथम दिन मुख्य प्रशिक्षक आचार्य शिवानंद दानी सेमिनार के विषय *” विकेंद्रित अर्थव्यवस्था एकमात्र समाधान”* पर कहा कि आज पूरे विश्व में दो ही आर्थिक व्यवस्था को अपनाया है जो केंद्रित अर्थव्यवस्था है एक व्यक्ति विशेष के पक्ष में और दूसरा पार्टी विशेष के हाथ में सीमित है यह व्यवस्था मुनाफा पर आधारित है जिसमें उपभोग मुनाफा के लिए एवं उत्पादन भी मुनाफा पर आधारित है लोगों को अपना घर छोड़कर दूरदराज के इलाकों में शहरों में स्थित उद्योग में काम करने जाना पड़ता है और उसे दो जगह की व्यवस्था को संभालना पड़ता है उसे घर का उत्तरदायित्व को अनदेखी कर वह कमाते हैं पूंजीपति स्थानीय संसाधन को संचालित एवं नियंत्रित करते हैं संसाधनों का अधिकतम उपयोग नहीं होता और तर्कसंगत वितरण भी नहीं होता आर्थिक शोषण बढ़ता जाता है कृषि उद्योग एवं व्यापार की स्पष्ट नीति नहीं है कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं मिलने के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं इन सब से मुक्ति के लिए एकमात्र विकेंद्रित अर्थव्यवस्था को अपनाना होगा जो “प्रउत्त” (प्रगतीशील उपयोगी तत्व )के प्रणेता श्री प्रभात रंजन सरकार द्वारा दिया गया सिद्धांत है एक सामाजिक आर्थिक इकाई के अंदर के सभी प्रकार का संसाधन स्थानीय लोगों द्वारा गठित इकाई द्वारा ही संचालित हो उत्पादन हमेशा उपभोग का खपत के आधार पर होना चाहिए ना की मुनाफे के आधार पर यानि उत्पादन का आधार उपयोग होना चाहिए ना कि मुनाफा सहकारी समितियों को स्थानीय उद्योगों में सिर्फ स्थानीय लोग को नौकरी दी जाए इस प्रकार से अनेक उदाहरणों से चर्चा किए हैं सभी को दर्शन को समझना होगा समाज में विकेंद्रित अर्थव्यवस्था को लाना होगा तभी समाज का शोषण विहीन बनाया जा सकता है

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