दुश्चिंता से निदान पाने के लिए निःशुल्क करें जीवन से संपर्क – दुर्गा राव
जमशेदपुर। शहर की आत्महत्या निवारण संस्था जीवन की उप-निर्देशक दुर्गा राव का कहना हैं कि कोरोना पेंडमिक ने आम जनता को दुश्चिंता से ग्रसित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ के 2019 के रिकॉर्ड के मुताबिक भारत मे करीब 380 लाख लोग दुश्चिंता से झूझ रहे। आज वह संख्या शायद चार गुना हो गया। कोरोना के तीसरे लहर को भी हम नकार नही सकते। जीवन संस्था को हर महीने 100 से ज्यादा लोग काल करतें हैं जिनमे अधिकांश लोग दुश्चिंता से ग्रसित पाये जातें हैं। चिता एवम चिंता मे सिर्फ एक बिन्दुं का फर्क है। एक शरीर को जला देती और दूसरी मन को। चिंता अधिक दिनों तक हावी हो जाए तो दुश्चिंता बन जाती हैं। बुधवार को जारी प्रेस विज्ञाप्ति में दुर्गा राव ने बताया कि बेचौनी, सरदर्द, सर चक्कर, दिल के धडकन का तेज होना, अत्यधिक पसीना आना, सांस फूलना, सांस लेने मे तकलीफ, पाचनकृया मे समस्या, नींद ना आना, आदि प्रकार के लक्षण आप अपने या अपने मित्रों, परिवार के लोगों मे पातें हैं तो तुरन्त किसी मनोचिकित्सक या कौन्सेलर या फिर जीवन संस्था के वॉलंटियर से 9955435500/9955377500/9297777499/9297777500 नंबर पर सम्पर्क करें। जीवन के वॉलंटियर आपकी परेशानी को शान्ती पूर्वक सुन कर आपको पूर्ण गोपनीय भावनात्मक सहयोग प्रदान करेगें एवम दुश्चिंता से निदान पाने मे सहायक सिद्ध होगें। यह सेवा बिल्कुल निःशुल्क है।