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तुलसी भवन में आयोजित तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव में कलाकारों ने दी बेहतर प्रस्तुति

जमशेदपुर। भोजपुरी रंगमंच को समर्पित नाट्य संस्था, नई दिल्ली द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से और सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन एवं सुग्गा वेंचर्स प्रा लि के विशेष सहयोग से 8 वें भोजपुरी नाट्य महोत्सव के तीसरे और आखिरी दिन सबसे पहले तुलसी भवन के न्यासी श्री अरुण कुमार तिवारी, राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के महानगर कार्यवाह श्री रविन्द्र नारायण सिंह, राष्ट्र संवाद के संपादक श्री देवानंद सिंह, तुलसी भवन के मानद महासचिव श्री प्रसेनजित तिवारी ने आगन्तुक अतिथि कलाकारों को अंगवस्त्र, पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया । तत्पश्चात रंगश्री के कलाकारों ने मानव कौल कृत हिन्दी नाटक का भोजपुरी में जोरदार मंचन किया। इस नाटक का भोजपुरी अनुवाद और निर्देशन रंगश्री के संस्थापक श्री महेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया। इस हास्य व्यंग्य नाटक के माध्यम से कई सारी समस्याओं पर प्रहार किया गया है जिसमें शामिल है विस्थापन की समस्या, जातिवाद व क्षेत्रवाद का बोलबाला , धर्म के नाम पर भेदभाव और लोगों बढ़ने वाला अंधविश्वास और इन सारी समस्यायों से जूझता बेचारा जीनियस आम आदमी जो दिशाहीन और किंकर्तव्यविमूढ़ है।
“रंगश्री” द्वारा इस नाट्य महोत्सव में तीन मूल भोजपुरी नाटकों के अलावे दो नाटकों का भोजपुरी अनुवाद भी प्रस्तुत किया गया। इस तरह रंगश्री ने एक बांग्ला और दूसरा हिन्दी नाटक का भोजपुरी अनुवाद कर भोजपुरी रंगमंच को सशक्त करने के साथ साथ भोजपुरी नाट्य साहित्य को भी समृद्ध करने का प्रयास किया है।

नाटक में उदय की भूमिका में प्रभात रंजन, मदन की भूमिका में सौमित्र वर्मा तो वहीं नरेश की भूमिका में अखिलेश कुमार पाण्डेय ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों को खूब हंसाया। लाइट पर थे। अशोक यादव और म्यूजिक पर रूस्तम कुमार वहीं स्टेज क्राफ्ट रविकांत, धीरज एवं मुन्ना कुमार ने किया।

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