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तबरेज अंसारी के हत्यारो दोषियों को न्यायालय से फासी के मांग करेगे : गुलरेज अख्तर

जमशेदपुर । भीड़ द्वारा मॉब लीनचिंग मे हत्या तबरेज अंसारी एवं दिवंगत पत्नी शाइस्ता परवीन मामले के अधिवक्ता मो गुलरेज़ अख्तर अंसारी झारखंड हाई कोर्ट ने सरायकेला खरसावां सिविल कोर्ट की अदालत ने तबरेज अंसारी हत्यारे दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई। धारा 304 मे ये मक्सीमाम सज़ा, जो सभी आरोपियों को धारा, 304,323,325,341,295(A) और 149 के तहत दोषि करार दिया।
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इस से ना खुस है और झारखंड सरकार को चाहिए कि इस आदेश के खिलाफ राज्‍य सरकार को अपील मे जाना चाहिए। श्री गुलरेज़ अंसारी ने कहा कि हाई कोर्ट, सर्वोच्च न्यायालय तक जाएगे दोसी के लिए माननीय न्यायालय से दोषियों के खिलाफ फासि की साज, और तबरेज अंसारी की बेवा को जब तक सम्मान पूर्वक जीवन जीवनी के सहयोग या कोई सरकारी सहता ना मिल जय कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। पीड़ित को मोवाबज़ा देने की स्किम की वेवास्ता बनाए, राज्‍य सरकार धारा 357 A के तहत, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अनुछेद 21 मे हर नागरिक को जीने का अधिकार है, किसो को जीवन छीनने का अधिकार नहीं है

देश के सबसे बड़े अदालत ने तहसीन पूना वाला के केस में केंद सरकार, राज्‍य सरकारों गाइड लाइन में अदालत के सिवा किसी अन्य व्यक्ति या समूह किसी अपराध के व्यक्ति समूह, संगठन ऐसा करता है, तो वह अपराध है, इसके अलावा कृष्णनमूर्ति बनाम सिवकुमार मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने भीड़ तंत्र को मोबोक्रैसी कहा। इस जघन्य अपराध के लिए न्‍याय प्रेमियों को भी अगे अना चाहिए सभ्य समाज के लिए सबकी जिम्मेदारी है। गायत् हो कि नेयलय के केस के एक लंबे समय तक पीड़ित सईस् ता को किसी भी प्रकार का कोई अनुदान या सहता नहीं मिला सरकार से।

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