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डॉक्टर्स डे के अवसर पर डॉक्टर जगन्नाथ हेंब्रम पहुंचे सारंडा के बुंडू पंचायत में


चाईबासा । ये सच है कि एक इंसान के जीवन की शुरुआत से लेकर उसकी सुरक्षा के लिए हर पड़ाव पर एक डॉक्टर उसके साथ होता है। बच्चा जब जन्म लेता है और जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके शरीर में बदलाव शुरू होते हैं। इन सब बदलावों, समाज व जिंदगी जीने के तरीके का असर इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ता है।

एक डॉक्टर ही शारीरिक, मानसिक तकलीफ से ग्रसित इंसान के सभी दर्द और रोगों का निवारण करता है। इसलिए भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टरों के इसी सेवा भाव, जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयत्नों और उनके काम को सम्मान देने के लिए हर साल एक जुलाई को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
डॉक्टर डे के अवसर पर कुपोषण के विशेषज्ञ डॉक्टर जगन्नाथ हेंब्रम हर साल सारंडा जंगल के सुदूरवर्ती गांवों में जाकर ग्रामीणों की सेवा करते हैं। इस बार कुपोषण के विशेषज्ञ डॉक्टर जगन्नाथ हेंब्रम डॉक्टर्स डे के अवसर पर सारंडा जंगल के टोंटो प्रखंड में अवस्थित बुंडू गांव पहुंचे । यह क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित माना जाता है। सारंडा जंगल के अग्रोवाँ,बांकी जैसे कई गांवों का भ्रमण कर ग्रामीणों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता पर जानकारियां दी । इसके पश्चात मध्य विद्यालय बुंडू पहुंचे जहां उन्होंने स्कूली बच्चों का शारीरिक जांच की और स्कूली बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण किया साथ ही साथ बच्चों में दवाइयों का भी वितरण किया। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों एवम ग्रामीणों में खासा उत्साह देखा गया । मौके पर डॉक्टर जगन्नाथ हेंब्रम ने कहा विश्व समुदाय ने जो सम्मान हमारे चिकित्सकों को 1 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के रूप में दिया है उसे सम्मान के प्रति सम्मान या श्रद्धा प्रस्तुत करने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता है । आधारभूत सेवाओं से वंचित सुदूर जंगलों में बसे हमारे ग्रामीण भाई बहनों ,छोटे बच्चों की सेवा करना ही हमने डॉक्टर्स डे का पहला वसूल बना रखा है।इस अवसर पर ठाकुर चंद्र मुर्मू, शेख वाजिद, मध्य विद्यालय बुंडू के बच्चे, प्राचार्य सुनील मुर्मू , स्कूल के शिक्षक होनहागा जी,कुजूर जी के साथ कई ग्रामीण मौजूद थे।

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