डीजीपी अजय सिंह ने चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर सहित नक्सली मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम को पुरस्कृत किया
झारखंड सरकार के नीति के अनुसार नक्सली मुख्य धारा में जुड़े नहीं तो मारे जाएंगे : डीजीपी
मुठभेड़ में मारे गए पांच नक्सली और भारी मात्रा में बरामद गोला बारूद पूरे झारखंड पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि : आशुतोष शेखर
तिलक कुमार वर्मा
चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम में सोमवार को नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी से झारखण्ड के डीजीपी काफी उत्साहित हैं। झारखण्ड के डीजीपी अजय कुमार सिंह मंगलवार को चाईबासा पहुंचे और यहाँ उन्होंने सुरक्षाबल के जांबाज जवानों की पीठ थपथपाते हुए बेहतर नक्सल विरोधी अभियान चलाने के लिए पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया।
बता दें कि सोमवार को गुवा थाना एवं जेटेया थाना के सीमावर्ती क्षेत्र में हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन माओवादी नेता और दो महिला माओवादियों को मार गिराया था। यही नहीं मौके से एक माओवादी एरिया कमांडर और एक महिला माओवादी को भी जिंदा गिरफ्तार करते हुए भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार, गोला बारूद और अन्य सामान बरामद किये थे।
इस कामयाबी से उत्साहित झारखण्ड के डीजीपी अजय कुमार सिंह मंगलवार को चाईबासा पुलिस लाइन पहुंचे। उनके साथ अपर पुलिस महानिदेशक अभियान डॉ संजय आनन्द लाठेकर, पुलिस महानिरीक्षक अखिलेश कुमार झा, पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) होमकर अमोल वेणुकांत, झारखण्ड जगुआर पुलिस उप महानिरीक्षक इन्द्रजीत महथा, विशेष शाखा पुलिस उप-महानिरीक्षक श्री एस० कार्तिक, सीआरपीएफ पुलिस उप-महानिरीक्षक एसके लिण्डा, सीआरपीएफ पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) डीएन लाल सहित अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।
डीजीपी सहित सभी वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने मुठभेड़ में शामिल जवानों को कैश अवार्ड और फलों की टोकरी देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीजीपी ने नक्सलियों को चेतवनी देते हुए कहा की नक्सली हिंसा और हथियार छोड़कर वापस समाज की मुख्य धारा में शामिल हो जाएँ, नहीं तो वे नक्सल विरोधी अभियान में मारे जायेंगे। आज नहीं तो कल नक्सलियों का मारा जाना निश्चित है. उन्होंने कहा की सरकार ने नक्सलियों के पुनर्वास के लिए बेहतर आत्मसमर्पण नीति बनायीं है.
जिसमें सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को जमीन, ईलाज, घर आदि के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रही है. इस अवसर का लाभ उठाते हुए नक्सलियों नक्सलवाद का रास्ता छोड़ सुख शांति की जीवन जीने की रास्ता का आनंद उठाना चाहिए।
डीजीपी ने पश्चिम सिंहभूम जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान की तारीफ भी की। उन्होंने कहा की पहले झारखण्ड के लगभग सभी जिले नक्सलवाद की चपेट में थे। लेकिन आज धीरे धीरे नक्सलवाद ज्यादातर जिले से समाप्त हो गया है। फ़िलहाल पांच जिले ही नक्लसवाद की चपेट में है और उनमें से पश्चिम सिंहभूम जिला अभी भी सबसे ज्यादा प्रभावित माना जाता है। लेकिन जिले से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए झारखण्ड पुलिस के अलावे अन्य सुरक्षाबल के जवान लगातार नक्सलियों की मांद में घुसकर नक्सल विरोधी अभियान चला रहे हैं। जंगल में शांति कायम करने के लिए चलाये जा रहे अभियान से नक्सली बैकफुट पर हैं। आने वाले समय में बहुत जल्द जंगल नक्सल मुक्त होगा। चाईबासा जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि यह उपलब्धि सिर्फ चाईबासा पुलिस के इतिहास में नहीं पूरे झारखंड पुलिस के इतिहास में बेहतरीन सुरक्षा बलों को प्राप्त हुई है। एसपी ने सभी सुरक्षा बलों का धन्यवाद किया ।