टैलेंट स्प्रिंट ने वूमेन इंजीनियरों के पांचवे संस्करण की घोषणा की, गुगल कर रहा सहयोग
जमशेदपुर । विश्व की जानी-मानी एडटेक कंपनी और डीपटेक प्रोग्रामों के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में बदलाव ला रही, टैलेंट स्प्रिंट ने वूमेन इंजीनियरों (डब्लूई) के अपने पांचवे संस्करण की घोषणा की है। इस वर्ष के कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर की ऐसी 200 महिला इंजिनियरिंग छात्रों की पहचान कर उन्हें ट्रेनिंग देकर इस तरह से विकसित करना है जो विश्व स्तरीय साफ्टवेयर इंजिनियर बन सकें। जो भी छात्रा इसमें चयनित होगी उसे 100 फीसदी फी स्कालरशिप और 100,000 की नकद स्कालरशिप दी जाएगी।
कोहार्ट (ग्रुप) 5 के आवेदनपत्र 28, फरवरी 2023 तक लिए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए we.talentsprint.com पर जाए।
गुगल के वीपी-जीएम शिव वैंकटरमन ने कहा, ‘हमारा वूमैन इंजिनियरों (डब्लूई) को इस कार्यक्रम में सहयोग देने का उद्देश्य गुगल द्वारा चलाए जा रहे स्थानीय वर्गों की मदद करना है और यह प्रोग्राम टैलेंट पूल को तैयार करने की एक कड़ी है। हमें इस बात से बहुत खुशी है कि इस कार्यक्रम के दवारा टैक के विभिन्न क्षेत्रों में आ रहे बदलावों में सहयोग दिया जा रहा है और हम भविष्य की इन महिला लीडरों का इकोसिस्टम में स्वागत करने के लिए तैयार हैं।’
टैलेंट स्प्रिंट के सीईओ और एमडी डॉ. सांतनु पाल का कहना है, टैलेंटस्प्रिंट वूमेन इंजीनियर्स प्रोग्राम की शुरूआत 2019 में हुई थी जिसका लक्ष्य महिलाओं का ऐसा आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी इकोसिस्टम तैयार करना था जिसमें क्षमतावान, तकनीकि रूप से योग्य और आत्मविश्वासी प्रोफेशनल्स को कठिन और आसान दोनों तरह के कौशल्य का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे जीवन के हर क्षेत्र में अग्रणी हो सकें।’
डब्लूई के इस दो साल वाले गहन प्रोग्राम में टैलेंटस्प्रिंट की उच्च स्तरीय फैकेल्टी और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अलावा, गुगल के इंजीनियरों और तकनीकि विशेषज्ञों की मदद से छात्राओं को पढ़ाया जाता है। जो पहले वर्ष की बीटेक या बीई की छात्राएं हैं, और आईटी, सीएसई, ईईई, एआई, गणित, एपलाइड मैथ या समकक्ष विषयों की पढ़ाई कर रही हैं और जिन्होंने 10वीं और 12वीं में 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किया है वे इस प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकती हैं।
पहले चार कोहार्ट में 70,000 से ज्यादा आवेदन पत्र देश भर की 500 यूनिवर्सिटियों और इंजीनियरिंग कालेजों से प्राप्त हुए थे। इनमें से 750 छात्राओं को इस कार्यक्रम के लिए चुना गया। ज्यादातर 34 प्रतिशत छात्राएं पहली पीढ़ी की स्नातक थीं और 25 प्रतिशत के लगभग ग्रामीण भारत से आई थीं।
वूमैन इंजीनियर्स की छात्राओं को लगभग 100 प्रतिशत प्लेसमेंट दुनिया भर की 50 ग्लोबल कंपनियों में मिला है। इन छात्राओं को बाजार के पैमानों के मुताबिक औसत वेतन 3 गुना का मिल रहा है और कुछ तो 54 लाख रूपए वार्षिक वेतन पर भी काम रही हैं।