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सरयू राय ने विधान सभा में जमशेदपुर के मोहरदा पेयजलापूर्ति, मालिकाना और म्युनिसिपैलिटी का मामला उठाया।

जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्वी के अनुपूरक बजट पर अपने भाषण में श्री राय ने कहा कि बजट में सरकार ने ऊर्जा पर सबसे अधिक 588 करोड़ रू० का प्रावधान किया है, जबकि राजधानी राँची में भी रोज़ाना 6 घंटा बिजली कट रही है। इसके बाद स्वास्थ्य पर 518 करोड़ का प्रावधान किया है जिसमें से 444 करोड़ केन्द्र का अंशदान है, जबकि सरकारी अस्पतालों की स्थिति बहुत ही ख़राब है। परंतु नगर विकास में केवल 19 करोड़ रूपया ही दिया है। जबकि जमशेदपुर शहर में मोहरदा पेयजल आपूर्ति और आसपास के इलाक़ों में भी पेयजल आपूर्ति के लिये काफ़ी धन की ज़रूरत है।

श्री राय ने आगे कहा कि 2005 में 86 बस्तियों वाली 1700 एकड़ ज़मीन को टाटा लीज़ से इसलिये अलग किया कि मालिकाना देना है. पिछली सरकार ने इसकी जगह लीज़ का झुनझुना थमा दिया जिसे बस्ती वासियों ने स्वीकार नहीं किया. वर्तमान सरकार भी आश्वासन के बावजूद विलंब कर रही है. उन्होंने अपने भाषण में मालिकाना देने का फ़ायदा बताया और कहा कि सरकार जल्द से जल्द यहां के घरों का होल्डिंग नम्बर दे.

श्री राय ने जमशेदपुर में नगर निगम बनाम औद्योगिक नगर का विवाद जल्द ख़त्म करने पर ज़ोर दिया और कहा कि देश में जमशेदपुर ही एकमात्र ऐसा शहर है जहां पर नगरपालिका के नाम पर असंवैधानिक जेएनएसी चल रहा है. सरकार जमशेदपुर की तीन समस्याओं – मालिकाना, मोहरदा और म्युनिसिपैलिटी – का शीघ्र समाधान करे.

ह०/-
सरयू राय

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