टाटा वर्कर्स यूनियन ने माइकल जॉन ऑडिटोरियम में डॉ. भवेश भाटिया के साथ एक प्रेरक सत्र का आयोजन किया
जमशेदपुर, 21 जुलाई, 2023: जमशेदपुर का माइकल जॉन ऑडिटोरियम आज एक मनोरम और प्रेरणादायक सत्र का साक्षी बना, जहां प्रसिद्ध वक्ता, डॉ. भवेश भाटिया ने उत्सुक श्रोताओं को सम्बोधित किया। टाटा स्टील के सभी लोकेसंश के कर्मचारियों के लिए इस सत्र का सीधा प्रसारण भी किया गया था।
दृष्टिहीन उद्यमी और महाराष्ट्र में सनराइज कैंडल्स के संस्थापक डॉ. भवेश भाटिया ने अपने उल्लेखनीय सफर से दर्शकों को प्रेरित किया। रेटिना मैक्यूलर डीजनरेशन के कारण अपने जीवन में चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने उल्लेखनीय सफलता हासिल की और पैरालंपिक खेलों में भाग लिया और कई पदक जीते।
सत्र की शुरुआत टाटा वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू) के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी द्वारा गर्मजोशी के साथ स्वागत सम्बोधन के साथ हुई, जिन्होंने डॉ. भाटिया के जीवन से जुड़ी कहानी से प्रेरणा लेने के महत्व पर जोर दिया।
टाटा वर्कर्स यूनियन ने माइकल जॉन ऑडिटोरियम में डॉ. भवेश भाटिया के साथ एक प्रेरक सत्र का आयोजन किया
टीडब्ल्यूयू के जेनरल सेक्रेटरी सतीश कुमार सिंह ने टीडब्ल्यूयू की एक शताब्दी की लंबी यात्रा और सफलता प्राप्त करने में कड़ी मेहनत के महत्व पर प्रकाश डाला।
अत्रेयी सान्याल, वाईस प्रेसिडेंट, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, टाटा स्टील ने मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई और विविधता एवं समावेशन के प्रति टीडब्ल्यूयू की प्रतिबद्धता की सराहना की।
व्यक्तिगत और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में दृढ़ता, समर्पण और सकारात्मकता के मूल्य पर जोर देते हुए डॉ. भाटिया के प्रभावशाली भाषण ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा। मार्मिक कहानियों और वास्तविक जीवन से जुड़े उदाहरणों के माध्यम से, उन्होंने श्रोताओं को आत्म-विश्वास और दृढ़ संकल्प पर अडिग रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट, टाटा स्टील समूह की कंपनियों के हेड, टीडब्ल्यूयू के पूर्व अध्यक्षों, कंपनी के अन्य यूनियनों के प्रतिनिधियों, टीडब्ल्यूयू कमिटी के सदस्यों और कंपनी के कर्मचारियों सहित अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति देखी गई।
माइकल जॉन सेंटर के निदेशक जयदेव उपाध्याय ने कार्यक्रमों का सुचारु प्रवाह सुनिश्चित करते हुए संचालन किया।
सत्र का समापन टीडब्ल्यूयू के वाइस प्रेसिडेंट शैलेश कुमार सिंह द्वारा डॉ. भाटिया को धन्यवाद देने के साथ हुआ। प्रेरणादायक सत्र ने निस्संदेह सभी उपस्थित लोगों पर एक अमिट छाप छोड़ा है