झारखंड सरकार का निर्णय बचकाना–अनिल मोदी।
जमशेदपुर-भाजपा के जिला महामंत्री अनिल मोदी ने झारखंड सरकार द्वारा झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की नियुक्ति नियमावली के क्षेत्रीय भाषा की सूची में हिंदी ,भोजपुरी,मगही ,अंगिका को शामिल नहीं किये जानें पर विरोध प्रगट किया है।उन्होंने कहा कि सरकार ने तृतीय ओर चतुर्थ श्रेणीं की नॉकरियों में 12 क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया है जबकि पूरे प्रदेश के बहुतायत लोगों द्वारा बोली जाने वाली हिंदी और भोजपुरी भाषाओं को शामिल नहीं किया है।उन्होनें कहा कि इस निर्णय से साफ है कि झारखंड सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।उन्होनें कहा कि सरकार का यह निर्णय बचकाना है।उन्होनें साफ कहा कि झारखंड सरकार भेदभाव वाली नीति पर चल रही है ।उन्होनें कहा कि सरकार प्रदेश में निवास करने वाले प्रत्येक नागरिक की अभिभावक होती है किंतु सरकार के इस निर्णय में पक्षपात साफ नजर आ रहा है।उन्होनें कहा कि जिन स्वपनों को लेकर स्व अटल बिहारी वाजपेयी नें झारखंड के गठन किया था,यह निर्णय उन स्वप्नों की मूल भावनाओं के विपरीत है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के असंख्य युवा और छात्र हताश ओर निराश है,इस निर्णय से उनका भविष्य अंधकार मय दिख रहा है।उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की की अविलंब इस निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए इस सूची में हिंदी,भोजपुरी,अंगिका एवं मगही को भी शामिल किया जाए ताकि प्रदेश के युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बच सके।