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झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्यालय का समिति ने किया स्थल निरीक्षण

रांची /जमशेदपुर। झारखण्ण्ड विधानसभा की सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति ने आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएमएचआईडीपीसीएल) के एम.सी.एच. भवन, नामकुम स्थित कार्यालय का स्थल निरीक्षण एवं बैठक किया। बैठक की अध्यक्षता, विधानसभा समिति के सभापति श्री सरयू राय ने की, उनके साथ समिति के सदस्य, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री भानु प्रताप शाही भी उपस्थित थे।

बैठक में मुख्य रूप से मेडिकल कॉरपोरेशन के द्वारा जिलों में दिये जाने वाली दवाईयाँ, चिकित्सीय उपकरण एवं एंबुलेंस पर चर्चा की गई। समिति ने दवाओं की खरीद प्रक्रिया के बारे में पृच्छा की, जिस पर मेडिकल कॉरपोरेशन के एम.डी. श्री आलोक त्रिवेदी ने बताया कि कॉरपोरेशन ई.टेंडर के माध्यम से एलौपेथी, आयुष, यूनानी, आयुर्वेदिक दवाईयांे का क्रय करती है। उन दवाईयों का 50 प्रतिशत क्रय भारत सरकार के अधिूसूचित उपक्रमों से तथा शेष 50 प्रतिशत दवाओं की खरीद अन्य माध्यमों से की जाती है। सरकारी उपक्रम एवं निजी आपूर्तिकर्ता कंपनी के दवा कॉमन होने पर एल-1 दर देने वाले कंपनी से दवा की खरीद की जाती हैं। दवाओं के क्रय के लिए राशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं राज्य सरकार से 60ः40 के अनुपात में प्राप्त होती है। सभापति ने कॉरपोरेशन से पृच्छा किया कि क्या पैसे ससमय प्राप्त हो जाती हैं, के जवाब में एमडी ने बताया कि पैसा सही समय में प्राप्त हो जाता है। उपकरण क्रय के लिए एक बार राज्य सरकार से देरी हुई थी, जिसके कारण उसे विलंब शुल्क देना पड़ा था, उसके बाद ही 15वें वित्त आयोग से राशि हमें मिली थी। दवाओं की गुणवत्ता के बारे में समिति द्वारा पूछने पर कॉरपोरेशन ने बताया कि हमारे यहाँ पूरे भारत से 5 से 6 लेबोरेटरी सूचिबद्ध है, जिनसे हम दवाओं की गुणवत्ता की जाँच करते हैं। समिति ने उनसे सभी लेबोरेटरी की सूची उपलब्ध कराने का निदेश दिया।

आयुष वेलनेस हेल्थ सेन्टर के बारे में समिति द्वारा पृच्छा करने पर एमडी ने बताया कि सभी वेलनेस हेल्थ सेन्टर में 14 प्रकार की जाँच के लिए को जाँच-किट उपलबध कराया जाता है। वेलनेस हेल्थ सेन्टर की मॉनिटरिंग प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सिविल सर्जन नियमित रूप से करते है। एंबुलेंस की उपलब्धता के बारे में समिति द्वारा पूछने पर कॉरपोरेशन ने विभाग को बताया कि एंबुलेंस को एएलएस, बीएलएस और नियो नेटल में वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि कॉरपोरेशन द्वारा 206 एंबुलेंस का क्रय किया है, जिसे जिलों को सौंप दिया है। एंबुलेंस में मौजूद वेंटिलेटर को ऑपरेट करने के लिए आपूर्तिकर्ता द्वारा संचालनकर्ता को प्रशिक्षण दिया जाता है। सभापति ने सुझाव दिया कि कॉरपोरेशन को अपनी आय में वृद्धि करने के लिए निजी अस्पतालों, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, शैक्षणिक संस्थानों में भी दवाओं एवं चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति की जानी चाहिए।

बैठक में मेडिकल कॉरपोरेशन के एम.डी. श्री आलोक त्रिवेदी, एनएचएम के एएमडी, विद्यानंद शर्मा पंकज, महाप्रबंधक (प्रोक्योरमेंट) नील रंजन सिंह, महाप्रबंधक (लॉजिस्टिक्स) डॉ. राजकुमार अग्रवाल, महाप्रबंधक (वित्त) अरविंद कुमार, कोषांग प्रभारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव तथा विधानसभा समिति की ओर से संयुक्त सचिव, संतोष कुमार सिंह, प्रशाखा पदाधिकारी, सुधीर प्रसाद उपस्थित थे।

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