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झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ का मानवीय चेहरा एक बार फिर आया सामने,पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान घायल नाबालिग नक्सली का पहले प्राथमिक उपचार किया और फिर उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हेलीकॉप्टर से पहुंचाया रांची ।

चाईबासा: झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ का मानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान घायल नाबालिग नक्सली का पहले प्राथमिक उपचार किया और फिर उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हेलीकॉप्टर से रांची पहुंचाया। पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान जंगल में जिला पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा नक्सलियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान 13 अक्टूबर को गोईलकेरा थाना क्षेत्र के हुसीपी में नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कराकर जवानों को मारने की कोशिश की। लेकिन उनका मंसूबा पूरा नहीं हो सका। जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तो नक्सली भाग खड़ा हुए। इसी कार्रवाई में एक नाबालिग नक्सली घायल हो गया था। आज चलाए गए सर्च अभियान के दौरान घायल नक्सली को जवानों ने मरणासन्न हालत में बरामद किया। अपनी जान को जोखिम में डालकर जवानों ने पैदल चलते हुए करीब 5 किलोमीटर की दूरी तय करके घायल नक्सली को हाथीबुरू कैंप पहुंचाया। जहां सीआरपीएफ की मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार किया और फिर हेलीकॉप्टर के जरिए घायल नक्सली को रांची भेजा गया। नक्सलियों द्वारा बिछाए गए लैंड माइंस के कारण जवानों और ग्रामीण को पिछले कई महीनो से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक चार जवान शहीद हो चुके हैं और 28 घायल हो चुके हैं। 11 ग्रामीण नक्सलियों की लैंडमाइंस का शिकार हो चुके हैं जबकि 5 ग्रामीणों की हत्या नक्सलियों द्वारा की जा चुकी है। आठ ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। ऐसी परिस्थितियों में भी झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने अपना धैर्य नहीं खाया है और मानवता का परिचय देते हुए “सेवा ही लक्ष्य” है के उद्देश्य को सार्थक किया है। झारखंड सरकार और सुरक्षा बलों ने एक बार फिर नक्सलियों से आत्मसमर्पण करते हुए पुनर्वास नीति का लाभ लेने की अपील की गई है।

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