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झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिवंगत सीताराम शास्त्री की जीवन साथी वी एस नलिनी पंचतत्व में विलीन


जमशेदपुर। झारखंड आंदोलनकारी सीताराम शास्त्री के जीवन साथी वी एस नलिनी का अंतिम संस्कार शिव शमशान भूमि अतुल कटारिया, गुरुग्राम, हरियाणा में हुआ। बेटी कांति प्रभा, कुमार दिलीप, अंकुर श्रीवास्तव ने मुख्य रूप से अग्नि दिया। कई रिश्तेदार एवं साथियों के उपस्थिति में नलिनी जी पंच तत्वों में विलीन हुई।
नलिनी जी कई आंदोलन में प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष भागीदारी निभाई है। सीताराम शास्त्री को अलग झारखंड आंदोलन में काफी सहयोग की थी। आंदोलन के क्रम में कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का लगातार उनके घर आना जाना लगा रहता था, सभी को एक समान सम्मान देना और आंदोलन में सक्रिय सहयोग देने का काम किया, चाहे वह चक्रधपुर बीड़ी मजदूरों का आंदोलन हो, कोलियरी आंदोलन हो, अलग झारखंड की मांग या फिर विस्थापन के खिलाफ आंदोलन हो।
24 अक्टूबर 2012 में सीताराम शास्त्री के देह त्याग के बाद भी नलिनी जी ने झारखंड में रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाते रही। सीताराम शास्त्री के नारा “शिक्षा, गाछ, माछ, चास से होगा झारखंड का विकास।” इस नारा को धरातल पर उतरने के लिए उनके जन्म जयंती के अवसर पर स्कूल के बच्चों में शिक्षा सामग्री वितरण करती रहीं तथा देह त्याग दिवस के अवसर पर पौधा वितरण कार्यक्रम आयोजित करती रहीं। झारखंड के झारखंडियों के लिए हमेशा सोचना, काम करना और लोगों को प्रेरित करने का काम किया। सीताराम शास्त्री और वी एस नलिनी जी की जितनी भी तारीफ करें कम है। झारखंड नवनिर्माण अभियान के संरक्षक मदन मोहन सोरेन ने दुःख प्रकट की है।

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