जेम्को श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति मैदान में पतंजलि युवा भारत का एक दिवसीय योग सम्मेलन आयोजित
जमशेदपुर: पतंजलि युवा भारत के तत्वावधान में एक दिवसीय योग सम्मेलन का आयोजन श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति जेम्को मैदान में किया गया जिसका नेतृत्व पतंजलि युवा भारत के जिला प्रभारी नरेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर पतंजलि किसान सेवा समिति के जिला प्रभारी बिहारीलाल, पतंजलि जिला यज्ञ प्रभारी आशुतोष कुमार झा, वरिष्ठ योग शिक्षक मनोज कुमार श्रीवास्तव, दीनानाथ शर्मा ने आए सभी प्रतिभागियों को योग की बारीकियों से अवगत कराया। योग सत्र का उद्घाटन सदाबहार के पौधों में जल अर्पित करके किया गया। एक दिवसीय योग सम्मेलन में योगिक जोगिंग, सूर्य नमस्कार, भस्त्रिका अनुलोम-विलोम, कपालभांति, बाह्य प्राणायाम, अग्निसार क्रिया, उज्जायी, भ्रामरी, उदगिथ, प्रणव व ध्यान का अभ्यास कराया गया। शवासन तथा सूक्ष्म योगिक क्रियाओं के माध्यम से शरीर को ऊर्जावान एवं निरोग रहने रखने के उपाय सुझाए गए। सम्मेलन में यज्ञ पैथी, अक्षय तर्पण, अभ्यंग, कुंजल क्रिया, वस्ती, धौती आदि प्राचीन विधाओं की भी चर्चा की गई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पतंजलि युवा प्रभारी नरेंद्र कुमार ने कहा कि श्री श्री विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर हम सभी घर, फैक्ट्री, व्यापार, वाहन से संबंधित सभी विभिन्न यंत्रों का, उपकरणों का रखरखाव व ख्याल बहुत अच्छे से करते हैं लेकिन ईश्वर प्रदत इस 400 करोड़ से अधिक मूल्यवान मानवीय शरीर का उतना अच्छे से ख्याल नहीं रखते जितना कि रखना चाहिए। अतः शरीर, मन और आत्मा को प्रसन्न रखने के लिए, स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन एक से डेढ़ घंटा समय अवश्य निकालना चाहिए। यह हर व्यक्ति का परम कर्तव्य है। इसी से स्वस्थ शरीर, स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र और स्वस्थ विश्व का निर्माण होगा। जिला यज्ञ प्रभारी आशुतोष कुमार झा ने आगामी नवरात्रि के अवसर पर दिनांक 25 सितंबर से 5 अक्टूबर तक 11 दिवसीय योग यज्ञ प्रशिक्षण शिविर की जानकारी देते हुए सभी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया। दीनानाथ शर्मा ने गिलोय, सदाबहार, आम, अमरूद, हरसिंगार, करी पत्ता आदि औषधीय पौधों के पत्तों का प्रतिदिन खाली पेट सेवन करने की उपयोगी विधि सिखाया । सम्मेलन की शुरुआत वैदिक प्रार्थना मंत्रों के साथ तथा समापन शांति पाठ के साथ हुआ। सिंहासन तथा हास्यासन के साथ लोगों को हर परिस्थिति का डटकर सामना करना और प्रसन्न रहने की सीख दी गई। सम्मेलन के सफल आयोजन में मनोज श्रीवास्तव, रमेश सिंह, देवेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, आर जे प्रसाद, दयानंद सिंह, संतोष सिंह आदि की सराहनीय भूमिका रही।