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जेपीएससी-2 के नियुक्ति घोटाला में संलग्न पदाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा मांगी गई अभियोजन की स्वीकृति अविलम्ब दे राज्य की हेमंत सरकार : विजय शंकर नायक


तिलक कुमार वर्मा
रांची। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने दो डीएसपी के अलावे इकत्तीस के खिलाफ सीबीआई ने राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कही l उन्होंने कहा कि जेपीएससी 2 नियुक्ति घोटाला की जांच करने में ही सीबीआई को 12 वर्षो से अधिक लगे तब जांच पूरी हुई है और उसके बाद आरोप पत्र दायर की गई है l सीबीआई ने इस नियुक्ति घोटाले की जांच बहुत ही गंभीरता के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीकों से किया और सीबीआई ने अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय आईपीसी की धारा 420 ,120 बी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) सहपाठी धारा 13 (1) डी के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया है । श्री नायक ने बताया कि आरोप पत्र मे जेपीएससी के तत्कालीन पदाधिकिरियों परीक्षकों और तत्कालीन परीक्षार्थियों द्वारा सुनियोजित साजिश रचकर अयोग्य लोगों को परीक्षा में सफल घोषित करने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया गया हैं l यह आक्रोश का विषय है कि जिन दागी आरोपियों को सरकार के द्वारा जिन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए उनमे से कई लोगों को आईपीएस में प्रोन्नति देने के लिए यूपीएससी को अनुशंसा भेजी गई है जो सरकार की मंशा को जग जाहिर कराता है । जेपीएससी 1 एवं 2 की परीक्षा में तत्कालीन आयोग के अध्यक्ष, सदस्य, विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री और वकील के रिश्तेदारों ने अपने अपने रिश्तेदारों को नियुक्त कराया इसलिए जनता खासकर राज्य के युवाओ को हेमंत सरकार से आशा है कि भाजपा के कार्यकाल मे हुए इस घोटाला का पर्दाफाश करने एवम राज्य के मेधावी युवाओ को न्याय दिलाने के लिए बिना लाग लपेट देरी किए बिना अविलंब अभियोजन स्वीकृति सीबीआई को दे दिया जाए और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार अपनी प्रतिबध्दता दिखाए अन्यथा विलम्ब होने की दिशा मे आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच आन्दोलन करने को बाध्य होगी ।

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