जेंडर हिंसा के खिलाफ सोलह दिवसीय अभियान का सातवां दिन, हेसलबिल में किशोरियों के लिए निबंध प्रतियोगिता
जमशेदपुर। सामाजिक< संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन युवा एवं सहयोगी संस्था क्रिया के द्वारा 16 दिवसीय अभियान के सातवां दिन मुझे नहीं मेरे अधिकारों को सुरक्षित करो नजरिया बदलो के तहत आज दिनांक 1 दिसंबर 2021 प्रखंड पोटका, पंचायत हेसलबिल के उत्क्रमित उच्च विद्यालय जाहातू में school Event की गई जिसमें कक्षा 6 से 10वी कक्षा की किशोरियो के लिए निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई इसका प्रतियोगिता का विषय था जेंडर आधारित हिंसा एवं विकलांग लड़की की समस्या व अधिकार । सभी किशोरियो को इस विषय पर पहले जानकारी दी गई उसके बाद प्रतियोगिता शुरू की गई । प्रतियोगिता में सभी लड़कियां बहुत उत्साहित होकर शामिल हुई क्योंकि उनके स्कूल में इस तरह का आयोजन पहली बार किया जा रहा था जो सिर्फ लड़कियों के लिए ही था । इस प्रतियोगिता के माध्यम से आई एम बी की किशोरी के साथ साथ समुदाय की अन्य किशोरी जो अलग-अलग गांव के अलग-अलग टोले मोहल्ले से आती है उनको अपने अधिकारों के प्रति जागरुक करना और महिला व विकलांग लड़की के साथ किस तरह की हिंसा होती है उसके प्रति उनके सोचने की क्षमता को बढ़ाना जिसे वे अपने यौन प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित अधिकारों को जाने और अधिकारो से वंचित होने पर आवाज उठाये। स्कूल के अध्यापक धानु माझी जी ने कहा कि ऐसे विषय पर जागरूकता फैलाना बहुत सराहनीय है लड़कियां आज हर क्षेत्र में शिक्षा, खेलकूद, राजनीति, नौकरी में आगे है लेकिन फिर भी उनके साथ कहीं ना कहीं किसी न किसी माध्यम से हिंसा होती है कई महिलाएं चुप रहकर हिंसा सहती रहती है लेकिन अब शुरू से ही जागरुक होना है सशक्त होना है और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना है तभी हम एक बदलाव की परिकल्पना कर सकते हैं और अपने साथ-साथ दूसरों के अधिकारों को भी सुरक्षित कर सकते हैं साथ ही लड़कियां पंचायत और राजनीति में भागीदारी ले ताकि जमीनी स्तर से महिलाओं से जुड़े मुद्दों को आगे ला सके। स्कूल के अध्यक्ष सदानंद साहू जी ने कहा कि जेंडर आधारित भेदभाव की शुरुआत घर से ही होती है लड़के को ज्यादा और लड़की को कम आका का जाता है इसलिए हमें मिलकर ऐसे अंतर को दूर करना होगा क्योंकि महिलाएं हो लड़कियां भी समाज का हिस्सा है जिनमें उनको बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। इसी दौरान कक्षा 9th के किशोरों से चर्चा की गई कि विकलांग महिलाओं एव्म किशोरियों को भी उनका पूरा अधिकार मिले और स्कूल अगर कोई विकलांग किशोरी या किशोर स्कूल में शिक्षा के लिए आयगे तो उनको पूरा सहयोग करेंगे और साथ ही किन्नरों को भी शिक्षा लेने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए । फोन को लेकर घर मे जेंडर भेदभाव नहीं करेंगे अपने माता- पिता को बोलेगे कि वो दोनों के साथ एक जैसा व्यहवार करे उन भी फोन चलाने दे । अगर फ़ोन से लड़कियाँ बिगड़ती है तो लड़के भी तो बिगड़ते है तो हमे अपने नजरिये को बदलने की जरूरत है। इस अवसर पर स्कूल के अध्यापक धानु मांझी, शिक्षक जादू नाथ गोप, उपल मंडल, मनोज सिंह सरदार सदानंद साहू उपस्थित थे । कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा के सभी सदस्यों ने सक्रिय रुप से भूमिका निभाई । आई एम बी की किशोरी संजना मुर्मू एवं स्मिता हेमरोम ने बहुत साथ दिया