जुगसलाई रेलवे ओवर ब्रिज के शिलान्यास की चौथी बर्षगांठ केक काटकर मनाई गई।
जमशेदपुर। विगत 6 नवम्बर 2018 को शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के एवं सांसद विद्युत वरण महतो के द्वारा की गई थी। 12लाख कि लागत है एप्रोच रोड एवं 6करोड़ की लागत से ओवर ब्रिज एक साल में बनना था।कार्य प्रारंभ किया गया रेलवे के द्वारा ओवर ब्रिज 3 बर्ष पहले ही बना दिया गया। इसके बाद देखने को मिला झारखंड के पदाधिकारियों की अफसरशाही का खेल। नक्शा बदलने के नाम पर इसटीमेट बढ़ा कर 28 करोड़ हो गया। रिवाइज नक्शा पास नहीं होने के कारण महिनों कार्य बंद रहा। फिर रिवाइज इस्टिमेट पास नहीं होने के कारण कार्य बंद रहा। हमलोगों ने जब चार माह पूर्व उपायुक्त महोदय से बात की तो हमें बताया गया कि 52 घरों को शिफ्ट करने का मामला है, जिसका कोई स्टिमेट सेंग्शन नहीं है।टाटा स्टील को यह कार्य करना था, उसने इनकार कर दिया। उपायुक्त महोदय ने बताया कि पुराने घरों का छप्पर ही नये घरों पर लगाया जाना है बरसात के कारण यह कार्य अभी सम्भव नहीं है।अब बरसात चली गई ठंड पड़ रही है अब यह कार्य कैसे किया जाएगा पता नहीं है।बर्षो से निर्माण कार्य बंद है नहीं पता कितने बर्ष ओर इंतजार करना पड़ेगा इस ओवर ब्रिज के निर्माण का।इस ओवर ब्रिज के निर्माण से लाभान्वित होने वाली लाखों जनता सुनी आंखों से देख रही है। एक सांसद के प्रयास को छोड़ दें तो बाकी राजनेता चुप है। कुल मिलाकर सरकार कि अनदेखी, सरकारी अफसरों की अफसरशाही, टाटा स्टील कि हठ धर्मिता का शिकार होकर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य बर्षो से बंद है। जनता यह सोचने को मजबूर है कि जहां हम देश की आजादी के 75 वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं, आजादी से पहले कि जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण कि मांग हमारे जीवन काल में पुरी होगी की नहीं।विगत चार बर्षो में एक ओवर ब्रिज नहीं बन सका क्या होगा इस राज्य का ईश्वर ही मालिक है। जनता तो अपनी बदनसीबी पर आंसू बहा रही है। आज के कार्यक्रम में उपस्थित सुरेश सोंथालिया, राष्ट्रीय सचिव कैट मानव केडिया चैम्बर महासचिव, नितेश धूत, महेश सोंथालिया चैम्बर उपाध्यक्ष किशोर गोलछा चैम्बर कोषाध्यक्ष, प्रकाश जोशी पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा,दिपक हल्दिया,अनंत मोहनका सुबैद भाई,गणेश रविदास,सीबू ख़ान, मनोज गोयल, राजीव अग्रवाल एवं सत्यनारायण अग्रवाल मुन्ना एवं उपस्थित सभी समाज के लोगों ने एकसूर में मांग की,कि राज्य सरकार इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान में ले, प्रशासनिक अधिकारी अपनी सक्रियता दिखायें, टाटा स्टील भी जनहित को देखते हुए कार्य करें जीससे ओवर ब्रिज का निर्माण जल्द से जल्द पुरा हो सके । जुगसलाई एवं लाभान्वित होने वाली जनता के सब्र इंतहा न लें अन्यथा हमें विवश होकर जोरदार आन्दोलन करना होगा जीसकी रुपरेखा तैयार की जा रही है।