जिला प्रशासन ने अफीम खेती के विरुद्ध जागरूकता अभियान शिविर का किया आयोजन
उपायुक्त कुलदीप चौधरी और पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने स्वयं अफीम की खेती को किया नष्ट
तिलक कुमार वर्मा
चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत बंदगांव प्रखंड के टोकदा गांव में जिला दंडाधिकारी -सह- उपायुक्त कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर, पोड़ाहाट वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार, उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, पोड़ाहाट-चक्रधरपुर अनुमंडल पदाधिकारी सुश्री श्रुति राजलक्ष्मी व स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी सहित जिला परिषद सदस्य, मानकी-मुंडा, ग्रामीणों की उपस्थिति में अफीम की खेती के विरुद्ध जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।
जागरूकता अभियान के दौरान उपस्थित पदाधिकारी के द्वारा क्षेत्र के ग्रामीणों को अफीम की खेती के स्थान पर पारंपरिक खेती-बाड़ी, बागवानी, पौधारोपण आदि हेतु प्रेरित किया गया। साथ ही इस अवसर पर मौजूद ग्रामीणों के बीच गरमा धान बीज, फलदार पौधा व अन्य बीजों का वितरण किया गया। इस दौरान अफीम की फसल को स्वेच्छा से नष्ट करने वाले ग्रामीणों को जिला प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनको प्रोत्साहित भी किया गया। इस क्रम में उपायुक्त के नेतृत्व में उपस्थित पदाधिकारी एवं अन्य ग्रामीणों के द्वारा अफीम की खेती न करने तथा इसको विनष्ट करने में प्रशासन को सहयोग करने और स्थानिक ग्रामीणों को परंपरागत खेती की ओर प्रेरित करने का शपथ भी लिया गया।
जागरूकता कार्यक्रम के उपरांत जिला दंडाधिकारी -सह- उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के संयुक्त नेतृत्व में बंदगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत टिमड़ा गांव तथा इसके आसपास के क्षेत्र में पुलिस बल व वनरक्षी आदि के द्वारा तकरीबन 20 एकड़ में लगे अफीम की खेती को पूर्णतः विनष्ट किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर अवैध अफीम की खेती के विरुद्ध पूरे राज्य में अभियान संचालित किया जा रहा है।
इसी क्रम में जिला अंतर्गत पिछले तीन माह से निरंतर अफीम की फसल को विनष्ट करने का कार्य प्राथमिकता के तौर पर जारी है। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि, मानकी-मुंडा, ग्रामीण आदि के सहयोग से जिले के सुदूरवर्ती एवं दूरस्थ क्षेत्रों में टीम को भेज कर फसल विनष्टीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज बंदगांव के क्षेत्र में संचालित कार्यवाही के दौरान स्थानीय वन प्रमंडल पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को भूमि की प्रकृति आदि ज्ञात करने हेतु संसूचित किया गया है। यदि अवैध अफीम की खेती की भूमि रैयत की पाई जाती है, तो संबंधित रैयत के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने हेतु भी निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि अफीम की खेती के विरुद्ध जिले में लगातार अभियान संचालित किए जाते रहेंगे तथा संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने कहा कि अवैध अफीम की खेती विनष्टीकरण की कार्रवाई में अब तक जिले में तकरीबन 500 एकड़ भूमि में लगे फसल को पूरी तरह से नष्ट किया गया है। साथ ही इसमें संलिप्त 5 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है तथा कुल 16 एफआईआर भी दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं वन विभाग के सहयोग से ग्रामीणों को अवैध अफीम की खेती के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।