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जिला प्रशासन की पहल: बोर्ड परीक्षा में बेहतर रिजल्ट व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए संचालित की जा रही ऑनलाइन कक्षायें

147 हाईस्कूल के 13854 बच्चे प्रतिदिन ऑनलाइन कक्षा से जुड़ रहे, शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना उद्देश्य

जमशेदपुर: जिले की डीसी श्रीमती विजया जाधव के निर्देशानुसार सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 10वीं के बच्चों का बोर्ड परीक्षा में रिजल्ट बेहतर हो तथा सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए ऑनलाइन कक्षायें शुरू की गई हैं । जिला स्तर पर संचालित ऑनलाइन कक्षा से जिले के सभी हाईस्कूल के बच्चे जुड़ रहे। 14 दिसंबर से शुरू हुई इस व्यवस्था के तहत सभी विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की एक पुल बनाकर 10वीं के 13854 बच्चों को इस मुहिम से जोड़ा गया है । पूर्वाह्न 10:30-12:30 बजे तक एक-एक घंटे की दो कक्षायें संचालित की जा रहीं। सोमवार को रसायन विज्ञान, मंगलवार बायोलॉजी, बुधवार गणित, गुरूवार अंग्रेजी, शुक्रवार भौतिक विज्ञान तथा शनिवार को सामाजिक विज्ञान की कक्षायें ली जा रहीं ।

सरकारी विद्यालयों के बच्चों को तकनीक का सहारा लेते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास : विजया जाधव, डीसी

सीबीएसई या अन्य अंग्रेजी माध्यम के बच्चों तथा सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच शिक्षा के स्तर की खाई को पाटने, देश दुनिया में विकसित हो रही नई तकनीक का एक्सपोजर दिलाने तथा तकनीक के माध्यम से कैसे शिक्षा के स्तर में सुधार लाते हुए बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए, जिला प्रशासन का यही प्रयास है… ये बाते डीसी श्रीमती विजया जाधव ने जिला प्रशासन के इस विशेष पहल को लेकर कही । उन्होने कहा कि हमारे बच्चे कहीं भी किसी भी क्षेत्र में खुद को उपेक्षित महसूस नहीं करें, उनमें विषयों को लेकर रूचि जगे, नए एवं प्रभावी तरीकों से अध्यायों(Chapter) को पढ़ाया जाए ताकि सिर्फ अक्षर ज्ञान नहीं मिले बल्कि विभिन्न विषयों पर एक समझ विकसित हो, ऑनलाइन कक्षाओं में इसपर भी फोकस किया जा रहा है । उन्होने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से एक फायदा यह हो रहा है कि बच्चा चाहे शहरी क्षेत्र के किसी स्कूल में बैठा हो या सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में, सभी को एक एकसमान शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही। इससे ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों को भी यह व्यथा नहीं रहेगी कि जो बच्चे शहर में रहते हैं या पढ़ते हैं उनके लिए कोई खास सुविधा रहती है ।

गौरतलब है कि जिले में सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों ने स्कूलों को गोद लिया है, जहां वे क्षेत्र भ्रमण के क्रम में जाते हैं और उपायुक्त को उसी दिन रिपोर्ट करते हैं । बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों में विषय ज्ञान का स्तर, बच्चों की उपस्थिति, परिसर की साफ-सफाई, नियमित पैरेंट टीचर मीटिंग की समीक्षा पर भी विशेष बल दिया जा रहा । बच्चों में व्यावहारिक, नैतिक ज्ञान प्रबल हो तथा अभिभावक भी अपने बच्चों के पठन-पाठन के संबध में जानकारी रखें इसको लेकर एक पारदर्शी प्रयास है । बोर्ड परीक्षा को लेकर मासिक मूल्यांकन परीक्षा भी ली जा रही ताकि बच्चे मानसिक रूप से खुद को तैयार रख सकें, निर्धारित समयावधि में कैसे सभी प्रश्नों का सही उत्तर लिखें, तथा दृढ़ता से परीक्षा में बैठें इस दिशा में एक पहल है।

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