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“जादूगोड़ा में है सोने की खान?”

सौरव कुमार
जादूगोड़ा। आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास रहस्य के बारे में.. हम बात कर रहे हैं राखा कॉपर माइंस के पीछे संचालित की जाने वाली सोने के खदान की जिसका अस्तित्व आज लगभग मिटने के कगार पर है. बहुत सारे लोग इस जगह को चिमनी के नाम से भी जानते हैं। जहां कुछ अवशेष चिमनी और सुरंग के रूप में अभी भी देखा जा सकता है। अंग्रेजों के जमाने में यह क्षेत्र सोना खदान (गोल्ड) के लिए प्रसिद्ध था. खदान से निकले सोने को परिष्कृत करने के लिए यहां चिमनी लगायी गयी थीं. स्थानीय लोगों ने बताया कि अंग्रेजों ने दोनों पहाड़ों के बीच एक माइंस खोली थी, जहां सोना मिलता था. माइंस के ठीक सामने एक चिमनी बनायी गयी थी, जहां सोने को पिघलाया जाता था.ठीक इन्हीं के पास आप रहस्यमय सुरंग को देख सकते हैं। पहाड़ों के नीचे होते हुए यह सुरंग कहां तक गया है? इसका अंतिम छोर कहां तक है? यह किसी को अभी तक पता नहीं चल पाया है? लोग बताते हैं कि अंग्रेज के जमाने में यह जो सुरंग था, उसमें लकड़ी के बड़े-बड़े टेंबर लगाए गए थे। जो सुरंग को नीचे धसने से बचाने का उद्देश्य के लिए शायद लगाए गए थे। यह सुरंग पूरी तरह से अंधेरे में होती है जो इसे और भी डरावना बनाता है। अभी तो सुरंग में पानी भर चुका है। अंग्रेजों के चले जाने के बाद कुछ लोगों को व लकड़ी निकालते हुए भी देखा गया है। कहानियों के माध्यम से यह भी पता चला है कि सुरंग धंसने से तीन चार लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है वहां, जिसके बाद सुरंग के घुसने वाले रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया था। जिसकी कहानी काफी दिलचस्प और डरावनी है, पहले ग्रामीण वहां पर अपने अपने पशुओं को चराने जाते थे। स्थानीय लोगों का कहना है अब वहां पर कोई नहीं जाता है और सुरक्षा कारणों के कारण आपको भी वहां पर नहीं जाना चाहिए। सच कहें तो जादूगोड़ा रहस्यों से भरी हुई है। इंसान को रहस्यमय चीजें सबसे ज्यादा लुभाती हैं। यहां और एक छोटा सा उदाहरण दे रहा हूं। राखा मटिगोड़ा का रहस्यमय कुआं, लोगों का कहना है कि यह कुआं भी अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया था। अब इसमें कितना सच्चाई है यह आप ही तय कीजिए तो अच्छा होगा।
इसकी विशेषता यह है कि सालों भर या कहे तो 12 महीना हर 1 दिन इस कुएं में पानी भरा रहता है। इस कुएं से पानी निकालने के लिए आपको बाल्टी और रस्सी की जरूरत नहीं है। पानी खुद ब खुद भरकर बाहर आने लगता है। बस हाथ में बाल्टी या कोई मग लीजिए और आसानी से पानी निकाल लीजिए जैसा कि आपके सामने कोई एक बड़ा सा ड्रम में पानी भर के रख दीया हो। और हां अंग्रेजो के द्वारा बनाई गई एक छोटा सा किला जो कि काफी जर्जर अवस्था में है जीता जागता एक उदाहरण एक सबूत है। जादूगोड़ा से नरवा जाते वक्त आप भी मुख्य सड़क के किनारे देख सकते हैं।

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