जहां लोग मुफ्त में सलाह भी देना मुनासिफ नही समझते वहां घाटशिला के अनुप खटुआ गरीबों की जरूरतें कर रहे है पूरी
सौरव कुमार
घाटशिला। हर साल की तरह इस बार भी झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला से दूर सुदूर आदिवासी आबादी वाले “मिरगिटांड़, अंबेरा” गांव में सब मिलकर और सबके सहयोग से कुछ अच्छा करने की कोशिश की जाती रही है। अपनी भावनाओं को दूसरों के साथ साझा करना महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी सर्वोत्तम क्षमता से किसी दूसरों का मदद कर सकें यही उद्देश्य से एक छोटा सा ग्रुप पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहा है। घाटशिला से दूर सुदूर आदिवासी बहुल (“मिरगीटांड, अंबेरा”) गांवों में 40 परिवारों को 50 साड़ियां, 50 मच्छरदानी, बच्चों के कपड़े और कुछ भोजन (केक, बिस्कुट) आदि वितरित किए गए। मौके पर मौजूद घाटशिला निवासी अनुप खटुआ जो पेशा से ऑटो चालक है कहते हैं कि
जिन बड़े दिल वाले व्यक्तियों ने इस सेवा में हाथ बढ़ाया है, उनके नाम मनोज सेनापति (विहाला), अर्नब सिट (गरिया), उदय साहू (सोनारपुर), अचिंत्य मुखोपाध्याय (दमदम), सुभाष बेरा, मयूराक्षी जाना (बागुइहाटी) ), सायन दास (श्रीरामपुर) प्रत्यूष शील (घाटशिला) और सुदीप्त दास मोदक (बांकुरा) है, हम लोग कई वर्षों से यह नेक कार्य कर रहे हैं। आइए हम सब मिलकर ये सेवा करें, ताकि ये लोगों का कल्याण कर सकें। मैं सबके साथ इस रास्ते पर चल रहा हूं और सुदूर गांवों में असहाय गरीब लोगों के पक्ष में रहने की कोशिश कर रहा हूं, और कुछ नहीं …
अन्य मेंबर का कहना है कि
सब अच्छा हो, यही ईश्वर से सदैव प्रार्थना है और हमारा टीम की कामना है।