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भाजपा ने आपातकाल के विरोध में मनाया काला दिवस, लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

जमशेदपुर: 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लागू आपातकाल के विरोध में भाजपा जमशेदपुर महानगर ने शनिवार को काला दिवस मनाया। साकची स्थित बंगाल क्लब सभागार में महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव की अध्यक्षता में ‘लोकतंत्र की रक्षा-हमारा संकल्प’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में आपातकाल को भारतीय इतिहास का सबसे काला अध्याय बताते हुए लोकनायक जयप्रकाश नारायण को स्मरण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व विधायक मेनका सरदार, प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा विशेष रूप से मौजूद थे। आपातकाल के दौरान जेल गए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत कई लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के अनुभव साझा किए। रघुवर दास ने आपातकाल के समय जेल में यातनाएं झेलने वाले लोकतंत्र के प्रहरी राम प्रवीण पांडेय, हरेंद्र सिंह, अश्विनी कुमार अवस्थी एवं मुन्ना रजक को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि 25 जून, 1975 की मध्यरात्रि में लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे कलंकित अध्याय है। आज ही के दिन भ्रष्टाचार, शिक्षा में गिरावट और अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। इसमें श्रद्धेय अटल बिहारी, लाल कृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई और लोकनायक जयप्रकाश नारायण समेत देश के विपक्षी नेताओं, आरएसएस व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को जेल में ठुंस दिया गया। प्रेस को झुकाया गया, उस पर सेंसरशिप लगायी गयी। जो भी आवाज आपातकाल के खिलाफ थी, उन सबको कुचलने का काम किया गया चाहे नेता हो या अभिनेता। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की पंच निष्ठा में एक निष्ठा मजबूत लोकतंत्र भी है। इसी लोकतंत्र की भावना को भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के आदर्शों के अनुरूप मोदी ने अपने 8 साल के शासनकाल में अपनी नीतियों और योजनाओं से चरितार्थ किया है। आज लोकतंत्र की जड़ें इतनी मजबूत है कि मैं अनुभव करता हूं कि कांग्रेस हो या कोई दल या कोई नेता, प्रजातांत्रिक मूल्यों के खिलाफ जाकर आपातकाल जैसी परिस्थिति फिर से पैदा करने का साहस नहीं करेगा।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आपातकाल के दौरान जेल जाने के अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि छात्र राजनीति के उन दिनों में भालूबासा के आशीष किशोर संघ के मैदान में छात्र संघर्ष समिति के कार्यालय बनाते समय आपातकाल लगने की जानकारी हुई। काफी दिनों तक पुलिस की नजरों से बचते हुए अंततः छह जुलाई, रात 2 बजे भारी बारिश के बीच उन्हें गिरफ्तार किया गया। जेल में पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय, अश्विनी कुमार अवस्थी व अन्य के साथ आंदोलन की रणनीति बनाई जाती थी। 16 अगस्त को हम सभी को गया सेंट्रल जेल में हस्तांतरित किया गया। उन्होंने कहा कि वंशवादी कांग्रेस पार्टी के खात्मे के लिए लोकतंत्र प्रहरियों ने जेल में ही जनता पार्टी की स्थापना की और वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह से पराजित हुई। श्री दास ने कहा कि उस समय प्रेस के लोगों ने कहा कि देश को दूसरी आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता सदैव सजग हैं।

वहीं, सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि देशवासी आजादी के बाद जितने हर्षित थे, सन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए तानाशाह आपातकाल के बाद काफी दुखी हुए। उन्होंने आपातकाल में भारतीय जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के योगदान को अविस्मरणीय बताया। उन्होंने कहा कि उन दिनों आंदोलन में सबसे ज्यादा जेल जाने और यातनाएं सहने वाले जनसंघ के कार्यकर्ता और स्वयंसेवक थे। कहा कि आपातकाल थोपकर कांग्रेस ने लोकतंत्र पर कुठाराघात किया। उस समय इंदिरा गांधी के सबसे बड़े सलाहकार संजय गांधी के गलत निर्णय के कारण देशभर में लोगों को जबरदस्ती पकड़कर नसबंदी कार्यक्रम को चलाया गया। जिसमें हजारों लोगों की जान गयी।

संगोष्ठी के दौरान मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष सह कार्यक्रम संयोजक संजीव सिन्हा एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष सह कार्यक्रम सह-संयोजक सुधांशु ओझा ने किया।

इस अवसर पर जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश कुमार शुक्ल, मनोज कुमार सिंह, भरत सिंह, मिथिलेश सिंह यादव, रामबाबु तिवारी, कुलवंत सिंह बंटी, कल्याणी शरण, राजन सिंह, डॉ राजीव, योगेश मल्होत्रा, जटाशंकर पांडेय, अनिल सिंह, ब्रह्मदेव नारायण शर्मा, चंद्रशेखर मिश्रा, राजकुमार सिंह, जिप परिषद उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, भूपेंद्र सिंह, जिला पदाधिकारी सुधांशु ओझा, बबुआ सिंह, संजीव सिन्हा, राकेश सिंह, अनिल मोदी, जितेंद्र राय, पप्पू सिंह, मंजीत सिंह, नीलू मछुआ, प्रेम झा, नारायण पोद्दार, कौस्तव रॉय, ज्ञान प्रकाश, राजपति देवी, अमिताभ सेनापति, निशांत कुमार, मोर्चा अध्यक्ष अमित अग्रवाल, धर्मेंद्र प्रसाद, ज्योति अधिकारी, बिनानंद सिरका, मुचिराम बाउरी, निसार अहमद, अजीत कालिंदी समेत मंडलाध्यक्ष बजरंगी पांडेय, सुरेश शर्मा, ध्रुव मिश्रा, संतोष ठाकुर, दीपक झा, बबलू गोप, अजय सिंह, हेमंत सिंह, बिनोद राय, संजय तिवारी, राजेश सिंह, अमरेंद्र पासवान, संदीप शर्मा बौबी, संजय कुमार सिंह, चंचल चक्रवर्ती, रविन्द्र नाथ सरदार, हलधर दास, सुदीप कुमार डे, हेमेंद्र जैन, त्रिदेव चटराज, दीपक पॉल, पवन सिंह, सुनील सिंह मुंडा, शांतनु मुखर्जी, मंटू चरण दत्ता, प्रधान महतो, अभिमन्यु सिंह, संतोष कुमार, बिमल बैठा, रमेश विश्वकर्मा, सन्नी संघी, अभिषेक श्रीवास्तव समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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