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प्रधानमंत्री जस्टिस नियुक्ति मामले में हस्तक्षेप करें: कुलविंदर

जमशेदपुर। अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर दो सिख वकीलों सरदार हरमीत सिंह ग्रेवाल और सरदार दीपिंदर सिंह नलवा के जस्टिस बनने के मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
कुलविंदर सिंह के अनुसार जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा हरमीत सिंह ग्रेवाल एवं दीपेंद्र सिंह नलवा को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है. तो नियुक्ति न होने के मामले में तत्काल हस्तक्षेप किया जाना चाहिए.
इस सिख अधिवक्ता के अनुसार प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत रूप से मामले में पहल करके सिखों के खिलाफ इस अन्याय और सांप्रदायिक भेदभाव को खत्म करने की पहल करनी चाहिए. कुलविंदर सिंह के अनुसार क्या केवल सिख वकील ही सांप्रदायिक हो सकता है. क्या देश विदेश में रहने वाले सिखों के बीच गलत संदेश नहीं जाएगा कि उनकी योग्यता क्षमता की अनदेखी हुई है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति के लिए पांच वकीलों के नाम सरकार को भेजे थे. सरकार ने पांच में से तीन नामों को मंजूरी दे दी लेकिन दो सिख वकीलों को नियुक्त नहीं किया, जबकि उनके नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी. अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार साल 2022 में भी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाई कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति के लिए 12 नामों की सिफारिश की थी, जिनमें से केवल एक सिख था. सरकार ने उस सिख वकील को छोड़कर 11 वकीलों को जज नियुक्त कर दिया.
माननीय सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर मंजूरी दी गई, लेकिन एक साल बाद नियुक्ति से उनकी वरिष्ठता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.
कुलविंदर सिंह के अनुसार हमारा देश भारत सांस्कृतिक,भाषाई और धार्मिक बहुल तथा और धर्मनिरपेक्ष प्रकृति का है और भेदभाव पूर्ण फैसले से बचने की जरूरत है.

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