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चाकुलिया प्रखंड के बड़ामारा पंचायत के रांगामाटिया गांव में आंगनबाड़ी केंद्र नही रहने के चलते छोटे बच्चे हो रहे है पोषाहार से वंचित

ग्रामीणो से मिली सूचना पर गाँव पहुंचे पूर्व विधायक कुणाल षडंगी

ग्रामीणों ने कुणाल को बताया कि रंगा मटिया गांव को जामडोहरी आंगनबाड़ी के पोषक क्षेत्र में रखा गया है जबकि रांगामाटिया से जामडोहरी की दूरी 5 km है और जामडोहरी जमुआ पंचायत के अंतर्गत आता है।
कुणाल ने कहा कि एक और विभाग कुपोषण मुक्त झारखंड बनाने का सपना दिखा रही है और रांगामाटिया गांव के नन्हे बच्चे उस पौष्टिक आहार से वंचित है क्योकि इतनी लंबी दूरी व जंगलो का रास्ता तय कर कोई भी माँ बाप अपने बच्चो को आंगनबाडी नहीं भेजना चाहेंगे।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक प्रथिमिक विद्यालय था जिसका विलय हो चुका है। स्कूल के बच्चे 3 km दूरी तय कर जंगल के रास्ते टांगाशोल प्राथमिक विद्यालय शिक्षा ग्रहण करने जाते है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चाकुलिया प्रखंड के बड़ामारा पंचायत को हाथी प्रभावित क्षेत्र माना जाता है जिससे बच्चों और उनके अभिभावक काफी भय में है यहां के ग्रामवासी सरकार से रांगामाटिया गांव में एक मिनी आंगनबाड़ी बनाने की मांग कर रहे है। कुणाल ने आश्वस्त किया कि वे विभागीय पदाधिकारियों से जल्द मिलकर मिनि आंगनवाडी की माँग पर पहल करवाएंगे। मौके पर सोहराय मुर्मू, दसरथ हंसदा, बुधु गोप समेत दर्जनो ग्रामवासी और बच्चे उपस्थित थे।

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