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ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व कार्यपालक अभियंता के कार्यकाल में पी एम जी एस वाई के अंतर्गत किए गए सड़क निर्माण कार्य की जांच भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सेंट्रल एजेंसी के द्वारा जांच की जायेगी

संवेदकों को किस तरह भुगतान किया गया है, इनवॉइस बिल, जीएसटी बिल, खनन चालान की सत्यापन भी कराई जा सकती है

पूर्व कार्यपालक अभियंता इमील कंडूलना और उत्तम कुजूर के साथ साथ अभियंता अभिलेष की भूमिका जांच के घेरे में

चाईबासा।ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व कार्यपालक अभियंता के कार्यकाल में पी एम जी एस वाई के अंतर्गत किए गए सड़क निर्माण कार्य की जांच भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सेंट्रल एजेंसी के दौरा जांच की जाएगी। सूत्रों की माने तो उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के टोंटो ब्लॉक में पीएमजीएसवाई PMGSY की सड़कों में डीपीआर से हट कर प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है,और संवेदक को प्राक्कलन के आधार पर भुगतान करने की शिकायत मंत्रालय के पास पहुंची है। इमिल कंडूलना और उत्तम कुजूर की भूमिका संदिग्ध बताई गई है।विशेष कर टोंटो प्रखंड ब्लॉक में चर्चित अभियंता अभिलेष कुमार की भी शिकायत मंत्रालय से की गई है। ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल चाइबासा में अभियंताओं की मनमानी का यह आलम है कि विपत्र बनाने से पहले कमिशन की मांग की जा रही है,संवेदक त्रस्त हैं।संवेदकों के अनुसार डिवीजन में कार्यपालक अभियंता से अधिक चलती अभिलेस की है।ऐसा इसलिए है की विभागीय मंत्री के सचिव संजीव लाल और विभाग में कई वर्षो से जमे बिपिन यादव से काफी नजदीकी और मधुरता है। सूत्रों की माने तो बिपिन यादव अभिलेश कुमार के सावजातीय होने के कारण सुरक्षा कवच बने हुए हैं। भारत सरकार के केंद्रीय एजेंसी स्थल में कराए गए कार्यों को डीपीआर से मिलान करेंगे।सूत्रों की माने तो अभियंता और संवेदक माननीय लोग से सम्पर्क कर जांच को रोकवाने की पैरवी कर रहे हैं।पश्चिमी सिंहभूम जिला के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्य में भारी अनियमितता बरतने की शिकायत पहले से को जा रही है।उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्य करने वाले संवेदक को नक्सलियों से जायदा डिवीजन के अभियंता से जूझना और प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है।बिना कमिशन लिए किए गए कार्य का विपत्र नहीं बनाते हैं,इसकी शिकायत संवेदक डर से डिवीजन में नहीं कर पाते हैं। सूत्रों की माने तो टोंटो प्रखण्ड के अभियंता की नक्सलियों से मिलीभगत होने की संभावना के बिना पर एनआईए की भी चाईबासा डिवीजन में इंट्री हो सकती है।भारत सरकार के केंद्रीय एजेंसी सभी स्तर पर अपने जांच का दायरा बढ़ा सकते हैं।सूत्रों की माने तो तीन चार साल के अंतराल में कराए गए सभी pmgsy की योजना से संबंधित अभिलेख की गहन जांच होगी,संवेदकों को किस तरह भुगतान किया गया है, इनवॉइस बिल, जीएसटी बिल, खनन चालान की सत्यापन भी कराई जा सकती है।
PMGSY के अन्तर्गत सड़क निर्माण कार्य में संवेदकों की भुगता से संबंधित अभिलेख की जांच ग्रामीण विकास मंत्रालय के केन्द्रीय एजेंसी करने की सूचना। सूत्र के अनुसार अभियंता के द्वारा डीपीआर की अनदेखी कर प्राक्कलन की विपरित भुगतान किए जाने की शिकायत पर जांच संभव।पूर्व कार्यपालक अभियंता इमील कंडूलना और उत्तम कुजूर के साथ साथ माफिया अभियंता अभिलेष की भूमिका जांच के घेरे में।अलकतरा का इनवॉइस बिल, जीएसटी बिल, खनन चालान की भी सत्यापन कराने की संभावना।टोंटो के अभियंता की नक्सलियों से मिलीभगत होने की शिकायत पर भी जांच हो सकती है।

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