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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भोजपुरी-मगही भाषा का करे सम्मान; झारखंड के करोड़ों लोगों की भाषा है भोजपुरी और मगही ; मुख्यमंत्री अपने बयान को तत्काल वापस लें;सुबोध श्रीवास्तव

सेन्हा भाटाचार्य
जमशेदपुर;भोजपुरी और मगही भाषा को बाहरी लोगों की भाषा बताकर एवं भोजपुरी लोगों को डोमिनेटिंग की संज्ञा देकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करोड़ों झारखंड वासियों का अपमान किया है । उन्हें ज्ञात होना चाहिए की झारखंड एकीकृत बिहार से हे विभाजित होकर एक अलग राज्य बना है और इस राज्य में आज भी एक प्रकार का बिहार बसता है जहाँ बिहार से जुड़ी संसकृति, परंपरा, वेषभूषा, रहन सहन, खाप पान, भाषा, पर्व – त्योहार इत्यादि पुरी तरह से पालन किया जाता है । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा एक न्यूज चैनल के इंट्रव्यु में यह कहना की झारखंड का बिहारीकरण नहीं होना चाहिए अत्यंत दुरभागयपूण और निंदनीय है । झारखंड सरकार की जिस कैबिनेट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुखिया है उस मंत्रिमंडल में भी कई मंत्री भोजपुरी और मगही भाषाई है क्या मुख्यमंत्री उनको अपनी कैबिनेट से बाहर का रासता दिखा देंगे । पुरे देश में हेमंत सोरेन की पहचान एक युवा और सुलझे हुए मुख्यमंत्री के रूप में होती रही है लेकिन आज उन्होंने ऐसा दकियानुसी और अशोभनीय बयान देकर करोड़ों मगही और भोजपुरी भाषियों के भावनाओं को ठेस पहुँचाया और अपनी साख पर भी बट्टा बैठाने का कार्य किया है । झारखंड के मुख्यमंत्री के इस तरह क्षेत्रीय भाषाओं में विभेद करने से राज्य की अस्मिता और अखंडता को आघात पहुचेंगा और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की स्तिथि उतपन्न होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अविलंब अपने बयान को वापस लेकर भोजपुरी एवं मगही भाषियों से माफी मांगनी चाहिए ।

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