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गोपाष्टमी समारोहः बिष्टुपुर राम मंदिर में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम बना यादगार

जमशेदपुर। श्री टाटानगर गौशाला कमिटी द्धारा आयोजित तीन दिवसीय 104वां गोपाष्टमी समारोह के तीसरे और अंतिम दिन बुधवार की शाम को बिष्टुपुर स्थित श्री राम मंदिर परिसर में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य संयोजिका ममता मुरारका और सहयोगी संयोजिका श्वेता गनेड़ीवाल के संयुक्त नेतृत्व में मारवाड़ी समाज के लगभग 60 से अधिक पुरूष, महिला एवं बच्चों द्धारा शानदार रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर खूब ताली बटोरी। इस दौरान ऐसा लगा कि समाज के सितारे जमीं पर उतर गये। भक्ति एवं मस्ती के दौरान इस कार्यक्रम में श्री कृष्ण लीला’ एवं फिल्‍मी गानों पर समाज के लोगों ने अपने डांस एवं मधुर गीत संगीत से सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रोताओं को चार घंटे तक मंत्रमुग्ध कर बुधवार की शाम को शानदार और यादगार बना दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत श्रोताओं के बॉलीवुड मन पसंद गीत से श्रोता झुमते नाचते हुए भरपुर लुत्फ उठाया। इससे पहले इस कार्यक्रम के प्रयोजक प्रदीप काबरा, संदीप काबरा और अमित काबरा तथा गौशाला कमिटी के अध्यक्ष कैलाश सरायवाला और महासचिव महेश गोयल समेत समाज के कई गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्जवलित कर एवं श्री गणेश जी की गीत की धून के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इनका रहा योगदानः-
तीन दिवसीय गोपाष्टमी समारोह कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से कैलाश सरायवाला, महेश गोयल, दिलीप गोयल, रामअवतार अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल (चंदुका), अशोक भालाटिया, उमेश कांवटिया, कमल अग्रवाल, दिनेश सोंथालिया, अरूण भालोटिया, रतनलाल मंेगोतिया, राजकुमार अग्रवाल राजू, कैलाश चन्द्र अग्रवाल, राजेश हरनाथका, अनिल अग्रवाल मोंटी, प्रमोद सरायवाला, राजेश जैसुका, राजकुमार जैन, प्रमोद सरायवाला, राजेश रिंगसिया, रवि भौतिका, कमल लडडा, भरत भूषण अग्रवाल, विमल अग्रवाल साकची सहित गौशाला कमिटी से जुड़े 60 गणमान्य लोगों की टीम का योगदान रहा। तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम की सजावट की जिम्मेदारी मृदला चौधरी ने संभाली, जो काफी सराहनीय रही।
तीनों दिन रहा चोखी ढानी का विशेष आकर्षणः-
तीनों दिन शाम के रंगारंग समारोह में चोखी ढानी का कार्यक्रम विशेष आकर्षण का केन्द्र बना रहा। तीन दिन में लगभग 1100 से अधिक लोगों ने राजस्थानी लजीज व्यंजन का आनन्द उठाया। एक साथ एक बार में 60 लोग चौकी पर बैठकर राजस्थानी लजीज व्यंजन का आनन्द लिये। पहले और दूसरे दिन लगभग 300 से अधिक तथा तीसरे दिन बुधवार को 500 से अधिक लोगों ने चोखी ढानी और इतने ही लोग बफे के माघ्यम से भोजन किया। चोखी ढानी की जिम्मेदारी श्री राणी सती सत्संग समिति और गौशाला कमिटी के सदस्यों ने बाखूबी निभायी।

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