गुरुमुख सिंह मुखे ने तख्त श्री हरमंदिर साहिब पटना के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह पर उठाए सवाल
जमशेदपुर। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुख्य ने एक बयान जारी कर कहा कि तख्त श्री हरमंदिर साहिब पटना साहिब के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने जो बयान जारी किया है उसके जवाब में गुरमुख सिंह मुख्य ने कहा कि अचानक जैसे ही इंदरजीत सिंह पटना साहेब के महासचिव बने तो तुरंत जत्थेदार साहेब ज्ञानी रंजीत सिंह जी ने तुरंत सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर कार्रवाई क्यों की यह समझने की जरूरत है कि क्यों गुरमुख सिंह मुखे को टारगेट किया जा रहा है यह निश्चित पूर्ण रूप से मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सिंह साहिब ज्ञानी रंजीत सिंह ने इंदरजीत सिंह के प्रभाव में आकर कार्रवाई की है ।
मैं कहना चाहता हूं अगर किसी ने धार्मिक उल्लंघन की है तो तख्त साहिब में उस व्यक्ति को बुलाते हैं उसका पक्ष जानते हैं अगर वह दोषी पाते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है मेरे ऊपर ना कोई धार्मिक उल्लंघन का मामला है मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र रच कर मुझे मामले में फंसा कर मुझे जेल भिजवाया गया था और आज जब मैं जेल से छूट गया तो विरोधी पहचान नहीं पा रहे हैं।
गुरमुख सिंह मुख्य ने कहा कि इंदरजीत सिंह ने जो बातें कहीं हैं तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह जी ने जो कार्रवाई की है वह पथिक मर्यादा और समाजिक तौर पर की है तो मैं कहना जाता हूं कि किसी भी धार्मिक मामले में मैंने धार्मिक उल्लंघन नहीं किया है अपराधा मामले दर्ज करना या कराना यह लोग अपने स्वार्थ के लिए दर्ज करते हैं या कराते हैं और उसी का शिकार मैं भी हुआ हूं।
एक राजनीतिक दल ने इसका लाभ उठाया और प्रभाव डाल कर मुझे जेल भिजवाया अगर कोई अपराधी पहले पकड़ा था और मेरा नाम लेता तब मुझे गिरफ्तार करते जेल भेजा जाता तो मुझे लगता कि हां गुरमुख सिंह मुखे इसमे शामिल है या या मैंने अपनी भूमिका निभाई लेकिन पहले मुझे जेल भेजा गया उसके बाद करता तथाकथित लोगों लोगों को या शूटर को पकड़कर एक कहानी बनाकर मुझे इसमें फसाया गया। मैंने प्रशासन को भी बहुत सारे पत्र लिखकर आग्रह किया इसकी जांच करें लेकिन प्रशासन भी एक राजनीतिक दल के प्रभाव में थी क्योंकि जब सरकार के ही द्वारा फंसाने की साजिश रची जा रही थी तो निश्चित रूप से प्रशासन कैसे जांच करता।
मैं फिर कहता हूं कि न्यायालय से जिस दिन मुझे सजा हो जाएगी उस दिन में किसी गुरुद्वारा कमेटी की तो बात दूर मैं किसी सामाजिक संस्था मैं भी नहीं रहूंगा ।
रही बात 5 सदस्य टीम की सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अपने संविधान है हमारा कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है हमारा कार्यकाल 2022 में पूरा होगा क्योंकि आम सभा में सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपनी बात कही थी कि जिस दिन इंदरजीत सिंह अपने कार्यकाल का हिसाब किताब देंगे उस दिन से कार्यकाल शुरू होगा ।
इंदरजीत सिंह ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उनकी गुरमुख सिंह मुख्य से कोई दुश्मनी नहीं है निश्चित तौर पर मैं भी मानता हूं कि कोई निजी दुश्मनी नहीं है हमेशा ही हर दुख सुख में शामिल होते रहे है, याद दिलाता हूं कि जब इंदरजीत सिंह और गुरमीत सिंह तोते के ऊपर बोकारो के विधायक समरेश सिंह ने आरोप लगाया था कि वे आतंकवादी हैं तो उनके हक के लड़ाई के लिए अपने परिवार के साथ संगत के साथ पारडीह काली मंदिर के समीप पहुंचे थे और उन्हें शहर घुसने से रोके थे पर अगर निश्चित रूप से इस तरह की बात है तो इंदरजीत सिंह के द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई कराना गलत है इस तरह की कार्रवाई करने से कौम में फूट पड़ रही है और गलत संदेश जा रहा है।
मैं अभी भी कह रहा हूं कि अगर 5 सिंह साहिबान के आदेश का पालन कर रहा हूं। अगर उस आदेश में कोई संशोधन हो जाता है तो मैं निश्चित रूप से इसे मानने को को तैयार हूं।