गावहो सच्ची बाणी” कीर्तन और सिख इतिहास मुकाबला की तैयारी शुरू, 4 अगस्त को साकची गुरुद्वारा में होगा फाइनल, पोस्टर लॉन्च
28 अगस्त को बिष्टुपुर जी टाउन गुरुद्वारा में होगा कीर्तन का ऑडिशन, साथ ही सिख इतिहास मुकाबला भी
जमशेदपुर : सिख युवा पीढ़ी को गुरु के उपदेशों और सिख इतिहास से जोड़े रखने के उद्देश्य से जमशेदपुर में गावहो सच्ची बाणी कीर्तन और सिख इतिहास मुकाबला की तैयारी जोर शोर से चल रही है। इस कार्यक्रम का फाइनल आगामी 4 अगस्त को साकची गुरुद्वारा में सुबह 9 बजे से शुरु होगा, जबकि कीर्तन मुकाबला के लिए ऑडिशन और सिख इतिहास मुकाबला (लिखित परीक्षा) 28 अगस्त को बिष्टुपुर जी टाउन गुरुद्वारा में सुबह 10 बजे से ली जाएगी। इसे लेकर आयोजकों द्वारा पोस्टर की लॉन्चिंग कराई गई, जो कि साकची गुरुद्वारा, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और बिष्टुपुर गुरुद्वारा में एक ही दिन हुई। तीन स्थानों पर इस लॉन्चिंग का उद्देश्य था कि अधिक से अधिक सिख प्रतिभागी इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकें और सिख विरासत से जुड़े रहें। संगत के सहयोग से होने वाले कार्यक्रम में साकची और बिष्टुपुर गुरुद्वारा कमेटी इसमें सराहनीय सहयोग निभाएंगी। दोनों ही समय प्रतिभागियों के साथ उपस्थित संगत के बीच गुरु का अटूट लंगर भी वितरित किया जाएगा। इस दौरान गणमान्य अतिथियों के साथ सिख हस्तियों को आयोजकों की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा।
फाइनल मुकाबले में लुधियाना से आएंगी जज। इस गुरवाणी प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में 4 अगस्त को जवद्दी टकसाल लुधियाना से प्रशिक्षण प्राप्त बीबी सिमरन कौर जज की भूमिका निभाएंगी। उनके साथ वरीय ग्रंथी को सहयोग में लिया जाएगा, जो गुरवाणी का उच्चारण देखेंगे। बीबी सिमरन कौर के साथ ही तख्त पटना साहिब हरमंदिर जी के हजूरी रागी भी इस आयोजन में संगत को गुरवाणी के उपदेशों से निहाल करेंगे। गुरवाणी कीर्तन मुकाबले में श्री गुरुग्रंथ साहिब के 31 राग आधारित गुरवाणी शबद गायन किये जाएंगे। प्रतिभागियों का ताल, सूर और गुरवाणी उच्चारण को सुनकर जजमेंट लिया जाएगा।
सिख इतिहास मुकाबले का यह होगा पैटर्न इतिहास मुकाबले में 10 से 20 और 21 से 40 तक की उम्र के प्रतिभागी शामिल हो सकते हैं। पहले ग्रुप के प्रतिभागियों से आठवी पाताशी श्री गुरु हरकिशन साहिब जी, जपुजी साहेब और रहिरास के पाठ से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। वहीं, दूसरे ग्रुप में सातवीं पाताशाही गुरु हरिराय जी से नौवीं पाताशी गुरु तेग बहादुर जी के इतिहास और जाप साहिब, अनंद पाठ साहेब और सुखमणि साहेब के पाठ से संबंधित प्रश्न किये जाएंगे।
यह होगी नामांकन प्रक्रिया
इस मुकाबले में नामांकन के लिए फार्म का शुल्क निर्धारित किया गया है। इतिहास मुकाबले के लिए 50 रूपये और कीर्तन मुकाबले के लिए 100 रूपये शुल्क है। प्रतिभागी साकची, बिष्टुपुर, सोनारी, गोलपहाड़ी गुरुद्वारा से फार्म प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा 7004702894, 9031384624स 9234661896, 9934123704 और 8873961782 नंबर पर कॉल करके वाट्सएप से भी फार्म मंगवा सकते हैं। यह फार्म भरने के बाद इसी तरह 20 अगस्त तक जमा भी करने होंगे।
विजेता बच्चों को किया जाएगा पुरुस्कृत
कीर्तन मुकाबले में भाग लेकर बेहतर रिजल्ट लाने वाले प्रतिभागियों को नगद इनाम देकर साथ ही सर्टिफिकेट प्रदान कर पुरुस्कृत किया जाएगा। दोनों ग्रुपों में प्रथम प्राइज 31 सौ, सेकेंड 21 सौ और थर्ड प्राइज 11 सौ रुपये रखा गया है। इतिहास मुकाबले के विजेताओं को ईनाम दिये जाएंगे. इसके अलावा सभी को सांत्वना पुरुस्कार देकर उनका भी हौंसला बढ़ाया जाएगा।
पोस्टर लॉन्चिंग में ये थे उपस्थित
प्रतियोगिता के पोस्टर लॉन्चिंग के दौरान साकची गुरुद्वारा में प्रधान निशान सिंह, महासचिव परमजीत सिंह काले, सुरजीत सिंह छित्ते, सतनाम सिंह सिद्धू, सुखविंदर सिंह निक्कू, प्रीतपाल सिंह, रोहितदीप सिंह, जगमिंदर सिंह, सतपाल सिंह राजू, कृतराज सिंह रॉकी, दलजीत सिंह, त्रिलोचन सिंह तोची, सतबीर सिंह गोल्डू, बीबी राज कौर, पिंकी कौर समेत सुखमणि कीर्तनी जत्था, सिख स्त्री सत्संग सभा की बीबीयां उपस्थित थीं। वहीं, सीजीपीसी में प्रधान सरदार भगवान सिंह, चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, गुरनाम सिंह, सुखदेव सिंह बिट्टू, हरविंदर सिंह गुल्लू, महेंद्र सिंह, सुरजीत सिंह मौजूद रहे, जबकि बिष्टुपुर में प्रधान प्रकाश सिंह, सचिव त्रिलोक सिंह, ट्रस्टी जसपाल सिंह उब्बी, त्रिलोचन सिंह, हरविंदर सिंह, गुरबचन सिंह, जसविंदर सिंह, विक्रम सिंह, अजीत सिंह, हरविंदर सिंह बिल्ला (कीताडीह), रेणु कौर, सोनी कौर आदि उपस्थित थे। वहीं आयोजकों की ओर से चरणजीत सिंह, बलजीत सिंह संसोआ, रंजीत सिंह मोनू, इंदरजीत सिंह इंदर, ज्ञानी मनप्रीत सिंह आदि सदस्य उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के लिए सहयोगी संस्था के तौर पर सेंट्रल सिख नौजवान सभा, सिख यूथ ब्रिगेड और हरि की उस्तत भी सहयोग कर रहे हैं।