क्या है पॉक्सो एक्ट, तुरंत अरेस्ट तो ब्रजभूषण मामले में देरी क्यों ?
राजेश कुमार झा
हाइलाइट्स
ये कानून भारत सरकार द्वारा 2012 में बनाया गया और उसके बाद उसमें बदलाव करके इसे कड़ा भी किया गया
पॉस्को एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान लेकिन कई बार कानून को तोड़ने मरोड़ने से ऐसा नहीं हो पाता
पॉस्को एक्ट में पीड़ित अल्प वयस्क है तो कई बार प्रमाणों का अभाव और मेडिकल रिपोर्ट खिलाफ भी जाते हैं
पॉक्सो एक्ट आजकल चर्चा में है. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह पर ये एक्ट लगाया गया है. इसके अलावा महिला पहलवानों ने उनके ऊपर यौन शोषण औऱ यौन दुर्व्यवहार से संबंधित एफआईआर भी लिखाई है. जानते हैं क्या होता है पॉक्सो कानून. ये कितना गंभीर है. जब पुलिस किसी भी इस एक्ट को लगाती है तो क्या करती है.
देश में बच्चों और नाबालिगों के यौन-शोषण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार द्वारा पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) लागू किया गया था, जिससे बाल यौन-शोषण की घटनाओ पर अंकुश लगाया जा सके. ये एक्ट या अधिनियम महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 में बनाकर लागू किया गया था.
सवाल – क्या है ये एक्ट और क्यों बनाया गया है?
– ये भारत सरकार द्वारा बनाया गया कानून है, जिसमें बच्चों और नाबालिगों के साथ यौन-शोषण पर प्रभावी अंकुश लगाने एवं बच्चों को यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी के खिलाफ असरदार तरीके से बचाव करने के प्रावधान किए गए हैं. इसमें बाल यौन-शोषण के वर्गीकरण के साथ आरोपितों को सजा के कड़े प्रावधानों की व्यवस्था है.
पॉक्सो एक्ट का फुल फॉर्म है – Protection of Children Against Sexual Offence (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस). जिसे यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा संबंधी कानून के तौर पर भी जाना जाता है.