कोड़ा दंपति को आदिवासी मूलवासी दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के हित और सिंहभूम के विकास से कोई लेना देना नहीं हैः सोनाराम देवगम
चाईबासा: भाजपा का दामन थाम कर सांसद गीता कोड़ा ने सिंहभूम के मतदाताओं तथा यहां के आदिवासी मूलवासी, दलित पिछड़े और अल्पसंख्यकों के साथ विश्वासघात किया है। विगत लोकसभा चुनाव में सिंहभूम के जागरूक मतदाताओं ने जिस आदिवासी मूलवासी दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यक विरोधी सामंतवादी फिरकापरस्त ताकत भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन के प्रत्याशी गीता कोड़ा को अपना भरपूर समर्थन देकर भारी मतों से जिताने का काम किया था, आज वह उसी आदिवासी मूलवासी दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यक विरोधी सामंतवादी फिरकापरस्त ताकत भाजपा के गोद में जाकर बैठ गई है । इस बार सिंहभूम की जनता कोड़ा दंपति को सबक सिखाने का काम करेगी । कोड़ा दंपति को आदिवासी मूलवासी दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के हित और सिंहभूम के विकास से कोई लेना देना नहीं है येन केन प्रकारेण राजभोग करना तथा भाजपा रुपी वाशिंग मशीन में अपने पूर्व के पापों को धोकर घोटालों के मामलों में किसी भी तरह से क्लीन चिट प्राप्त करना ही इनका लक्ष्य है । कोड़ा दंपति को जगन्नाथपुर और सिंहभूम की जनता ने लगातार लम्बे समय तक जगन्नाथपुर विधानसभा का और सिंहभूम लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया, मधु कोड़ा राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे लेकिन जनजातीय या मूलवासी, दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के हित तथा क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से इनकी उपलब्धि नगण्य है । क्षेत्र के विकास, बेरोजगारों को रोजगार और पलायन के मामले में जगन्नाथपुर विधानसभा की स्थिति जिला में सबसे बदतर है । आज जिन मुद्दों को कारण बताकर गीता कोड़ा भाजपा का दामन थामने का बात कह रही है, मधु कोड़ा ने मुख्यमंत्री रहते हुए तथा सांसद और विधायक रहते हुए बार अवसर मिलने पर भी कोड़ा दंपति ने उन मुद्दों पर कोई काम नहीं किया है । जाहिर है कि जनहित और क्षेत्र के विकास से इनका कोई लेना देना नहीं है ये सिर्फ सत्ता सुख या राजसुख भोगने के लिए जनता को धोखा देने का काम कर रहे हैं । महागठबंधन में रहते हुए भी कोड़ा दंपति ने राज्य सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं और झारखंडी जनभावना के अनुरूप राज्य के मूलनिवासियों आदिवासी मूलवासी दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के हित में लिए गए फैसलों का हमेशा विरोध ही किया था । सिंहभूम की जनता इनको भलीभांति समझ चुकी है और कोड़ा दंपति को सबक सिखाने के लिए भी तैयार है। सोनाराम देवगम, सचिव, झामुमो प० सिंहभूम जिला समिति ।