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बिल्ला पर फायरिंग मामले में अदालत में शिंदे ने बताया की मुखे और अम्बे के वर्चस्व को खतरा हो रहा था इसलिए हत्या की साजिश रची गई

जमशेदपुर । सीतारामडेरा थाना अंतर्गत 9 नवंबर 2019 को आदिवासी उच्च विद्यालय के पास झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के प्रधान गुरचरण सिंह बिल्ला पर हत्या की नियत से फायरिंग की घटना के मामले में जमशेदपुर कोर्ट में गवाही शुरू हो गई है। मामले में बुधवार को एडीजे- 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में पहली गवाही टाटा लाइन निवासी भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शिंदे की हुई। शिंदे ने अदालत को बताया की घटना की सुबह 5.30 बजे दोस्तों से सूचना मिली कि बिल्ला पर गुरुद्वारा जाते वक्त सुबह 4.15 बजे गोलियां चलाई गई हैं और वह जख्मी हो गया है। इसके बाद वह भी टीएमएच पहुंचा जहां धीरे धीरे लोग पहुंच रहे थे। जाने पर पता चला कि बिल्ला को तीन गोलियां लगी हैं और वह इलाजरत हैं। शिंदे ने कोर्ट को कहा कि बिल्ला सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष हैं और ट्रांसपोर्टर हैं। बिल्ला के अध्यक्ष बनने के बाद उलीडीह राजेंद्र नगर, कुंवर सिंह रोड निवासी सह सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे और उनके समर्थक 10 नंबर बस्ती, सुखिया रोड निवासी अमरजीत सिंह अम्बे को अपने वर्चस्व का खतरा महसूस हो रहा था।।इस बात को लेकर उपरोक्त दोनों व्यक्ति बिल्ला को रास्ते से हटाना चाहते थे। बिल्ला के साथ पूर्व में भी अम्बे कि लड़ाई हो चुकी थी, जिसे लेकर सिदगोड़ा थाना में मामला दर्ज है। घटना के करीब एक साल पहले देबून बगान में बिल्ला और अम्बे के बीच झड़प हुई थी। इन सब बातों को लेकर मुखे, अम्बे और उनके गुट के लोगों द्वारा षड्यंत्र के तहत इस तरह की घटना कराई गई है। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी बिल्ला ने मुखे एवं अम्बे से जान को खतरा बताया था।।अदालत में गवाही के दौरान बिल्ला पक्ष की ओर से उनके अधिवक्ता पंकज सिन्हा पैरवी कर रहे थे। गवाह की बातों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में गवाही के लिए अगली तारीख 12 सितम्बर को मुकर्रर की है।

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