FeaturedJamshedpurJharkhand

केपीएस, कदमा में सारथी दिवस मनाया गया

जमशेदपुर। केपीएस कदमा ने 29 नवंबर, 2022 को स्कूल परिसर में अपना सबसे बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम ‘सारथी दिवस’ मनाया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री जॉन एंड्रयू बागुल, मुख्य अतिथि श्री राकेश कुमार-निरीक्षक सह अधिकारी, केपीएस निदेशक शरत चंद्रन, अकादमिक निदेशक लक्ष्मी शरत, प्रधानाचार्य केपीएस कदमा शर्मिला मुखर्जी और प्रधानाध्यापिका अलामेलु रविशंकर और शिक्षक उपस्थित थे। अन्य केपीएस शाखाओं की।

सुरक्षा सप्ताह के उपलक्ष्य में आयोजित दिवस की शुरुआत के उपलक्ष्य में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
एक सारथी, एक सारथी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। वह अपने ऊपर रखी गई सभी जिम्मेदारियों को पूरा करता है।
वह बच्चों के प्रति निष्पक्ष है। वह सही दिशा में चलने वाले गुरु की तरह है। यह स्वतः ही उसे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बना देता है।

ईको क्लब ने स्कूल के सेफ क्लब के साथ मिलकर सभी ऑटो रिक्शा और वैन चालकों का स्वागत किया जो छात्रों को स्कूल आने-जाने में मदद करते हैं।
प्रधानाध्यापिका श्रीमती शर्मिला मुखर्जी ने विशिष्ट अतिथि, मुख्य अतिथि एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
हमारे ड्राइवरों ने संकल्प लिया कि वे सड़क नियमों का सख्ती से पालन करेंगे और सभी बच्चों की अच्छी देखभाल करेंगे और उन्हें समय पर स्कूल और घर पहुंचाएंगे।
छात्र-छात्राओं की मनमोहक नृत्य प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।
सड़क सुरक्षा की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से सारथियों के लिए मुख्य अतिथि द्वारा सड़क सुरक्षा पर एक सत्र आयोजित किया गया ताकि सड़क पर किसी भी प्रकार के जोखिम को कम किया जा सके।
गेस्ट ऑफ ऑनर को संबोधित करते हुए, जॉन बागुन ने ड्राइवरों की सराहना की और कहा कि ड्राइवर स्कूल का सबसे महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग हैं और उन्हें इतनी सावधानी से गाड़ी चलाते हुए देखकर बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
मुख्य अतिथि श्री राकेश कुमार, निरीक्षक, यातायात, बिष्टुपुर ने सुरक्षा के मुद्दे पर एक ज्ञानवर्धक भाषण दिया। सम्मानित अतिथि, जॉन एंड्रयू बागुल, मुख्य अतिथि, इंस्पेक्टर राकेश कुमार और अन्य सुरक्षा के मुद्दे पर स्कूल अधिकारियों, शिक्षकों और छात्रों की चिंता और सतर्कता से बहुत प्रभावित हुए।
कार्यक्रम का समापन प्रधानाध्यापिका सुश्री अलामेलु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ
रविशंकर के बाद राष्ट्रगान हुआ।

Related Articles

Back to top button