
तिलक कुमार वर्मा
रांची।  आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच  के  केन्द्रीय  उपाध्यक्ष सह पूर्व  विधायक प्रत्याशी  विजय  शंकर नायक  ने  केंद्रीय  बजट  पर  अपनी प्रतिक्रिया में कही l  इन्होंने  साफ  शब्दों  मे  कहा  कि यह  बजट  बिहार  और  दिल्ली  में  हो  रहे  विधान  सभा  के  चुनाव को देखते  हुए राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस बजट  में  उन  राज्यों को विशेष  लाभ  देकर आने  वाले  चुनाव में  इसका इस्तेमाल किया जाएगा , इसलिए  ही  उन राज्यों को फोकस किया गया है और बजट में झारखंड जैसे  गरीब राज्य की उपेक्षा की गई है जो  भाजपा  के  लिए  ठीक  नहीं  है l देश का अर्थव्यवस्था अभी कछुआ चाल से शनैःशनैः चल रहीं है, ऐसे में देश  की  जनता की आय और नौकरियां धीरे धीरे कम और खत्म होती  जा  रहीं है।  आज जीडीपी की वृद्धि दर पिछले पूर्व के वर्षो  से इस वर्ष सबसे कम है। जो आर्थिक सर्वे में भी यही अनुमान है कि जीडीपी 6.3% से 6.8% तक ही रहेगी । यह आम बजट बढ़ते हुए महंगाई को रोकने की दिशा मे अपना कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं कर पाएगी और वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में जो जनता को मुंगेरीलाल  का हसीन सपना दिखाया  की 12 लाख तक कोई आयकर नहीं लगेगा, यह पूरी तरह मृगतृष्णा है, क्योंकि आयकर की सीमा सिर्फ एक लाख तक बढ़ाया गया है l  ढेर अरब  के देश में सिर्फ कुछ करोड़ लाख लोग ही टैक्स पेयर हैं ऐसे में किसका वे  भला  करेंगी  केन्द्रीय  वित्त मंत्री  ही  बता सकती है l देश  के दलित आदिवासी मूलवासियों एवं  अन्य  कमजोर  वर्गों  के ज्यादातर लोगों को कुछ भी हाथ नहीं लगा । इन्होनें  यह  भी  कहा कि देश में बहुत  बड़ी  आबादी किसान,मजदूर  की संख्या अधिक है, जिनकी आय दिन प्रतिदिन घटती जा  रहीं है, जो आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी कहा गया है और केंद्र ने  भी स्वीकार किया है कि प्रतिदिन कमाने वाले व्यक्तियों  कि आय मे कमी आ रही है । कुल मिलाकर  यह बजट  कुछ प्रदेश मे हो रहे चुनाव  को मद्देनजर  रखते हुए  चुनावी लाभ हेतु बनाया गया है जो सम्पूर्ण  देश की जनता को लाभ  नही होने वाला है ।
 
				
