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पान की खेती करने पर मिलेगा ₹75000 का अनुदान: डॉ चौधरी

प्रयागराज। औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरोबाग प्रयागराज में आयोजित हो रहे दो दिवसीय संगोष्ठी एवं सेमिनार कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उप निदेशक उद्यान प्रयागराज मंडल प्रयागराज डॉ कृष्ण मोहन चौधरी द्वारा बताया गया कि 1500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में पान बरेजा निर्माण करने एवं पान की खेती करने पर उद्यान विभाग से ₹75000 का अनुदान दिया जा रहा है। पान की खेती करने वाले कृषकों को तकनीकी जानकारी देते हुए डॉ रामसेवक चौरसिया पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर लखनऊ द्वारा बताया गया कि पान का बरेजा बनाते समय भूमि उपचार एवं पान की बेल का उपचार मैनकोज़ेब दवा 3 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर 25 दिनों के अंतराल पर पान की क्यारियों पर छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा प्रभावित पौधे और पत्तियों को तोड़कर एकत्र करके बरेजा से बाहर मिट्टी में दबा देना चाहिए। अक्टूबर महीने में वर्षा समाप्त होने के बाद हल्की गुड़ाई करके मिट्टी को खोलकर हवा लगने दें, जिससे कि रोग बीमारियों का प्रकोप भी कम हो जाता है। कृषि संस्थान प्रसार निदेशालय के वैज्ञानिक डॉ मुकेश पी एम द्वारा पान के रोगों से लड़ने के लिए बोर्डो मिश्रण तैयार करने की विधि किसानों को बताई गई। इसके अलावा उद्यान विज्ञान विभाग कृषि संस्थान नैनी के उद्यान विशेषज्ञ डॉ अतुल यादव द्वारा पान के प्रसंस्कृत उत्पाद पर चर्चा करते हुए बताया गया कि पान के सुगंधित तेल का सेवन मुख के सुगंध के साथ-साथ मिष्ठान, पान की बर्फी, पान का लड्डू, पान का बीड़ा, पान का रसगुल्ला, आदि में भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा कॉन्फ्रेंसरी आइटम में भी पान की तेल की उपयोगिता बहुत अधिक होती है। जिला उद्यान अधिकारी प्रयागराज नलिन सुंदरम भट्ट द्वारा विभाग की संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई कार्यक्रम का संचालन औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरोबाग प्रयागराज के प्रशिक्षण प्रभारी वीके सिंह द्वारा किया गया। संचालन करते हुए श्री सिंह द्वारा बताया गया कि सेमिनार के द्वतीय दिवस में किसानों को हंडिया विकासखंड में हो रही पान की खेती का भ्रमण कराया जाएगा। कार्यक्रम में जिला उद्यान अधिकारी कौशांबी सुरेंद्र राम भास्कर, जिला उद्यान अधिकारी फतेहपुर श्याम सिंह, जिला उद्यान अधिकारी प्रतापगढ़ के प्रतिनिधि इंद्रमणि यादव के अलावा बांदा कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान विशेषज्ञ डॉ हिमांशु कुमार सिंह द्वारा अपने अनुभवों से किसानों को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई।कार्यक्रम में प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर आदि के साथ साथ अन्य जनपदों के कुल 350 पान उत्पादकों एवं उद्यान प्रेमियों द्वारा भाग लिया गया।

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