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तुलसी भवन में भारत की उदात्त ज्ञान परंपरा विषय पर विचार साधना सत्र आयोजित

जमशेदपुर । भवन में विचार साधना सत्र 2023 का आयोजन किया गया, जिसका विषय था भारत की उदात्त ज्ञान परंपरा। कार्यक्रम की अध्यक्षता अरुण कुमार तिवारी (न्यासी तुलसी भवन) और संचालन तुलसी भवन के मानद महासचिव प्रसेनजित तिवारी, धन्यबाद ज्ञापन विद्या सागर लाभ ने किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर राकेश सिन्हा संघ विचारक सह राज्यसभा सांसद थे। सबसे पहले अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया। इसके बाद सरस्वती वंदना डॉक्टर रागिनी भूषण ने, स्वागत भाषण इन्द्रदेव प्रसाद, अध्यक्षीय भाषण अरुण कुमार तिवारी न्यासी, .मुख्य अतिथि का सम्मान सुभाष चंद्र मूनका ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि
प्रो राकेश सिन्हा सांसद राज्य सभा
ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के इतिहास को कोंग्रेस शासन में चयनित रूप से प्रस्तुत किया गया । मुग़ल काल को ही असली इतिहास बताया गया जिसने क्रूरता है । इसलिए ncert द्वारा बदलाव आवश्यक है।
भारत के उठा के फलक को बढ़ाने की ज़रूरत है प्राचीन भारत की उपलब्धियों को इतिहास से बाहर रखा गया है । आज़ादी का इतिहास कुछ लोगों का महिमामंडन करता है और प्रेरक प्रसंगों को छोड़ दिया गया जैसे बल शहीदों का उल्लेख ।बाज़ी राउट ने १२ साल में शहादत दी थी । तिलाश्वरो बरुआ ने भी उसी उम्र में शहादत दी थी।

इतिहास की किताबें गुरु तेग़ बहादुर की शहादत पर मौन है और गुरु गोविंद सिंह के नाबालिग बच्चों के शहादत की उपेक्षा तुष्टिकरण की नीति के कारण करता है।
औपनिवेशिक मानकीकरण समाप्त करने में भारत कु ज्ञान परम्परा कामयाब होगी ।
प्रधानमंत्री मोदी ने औपनिवेशिक संरचना को हटाकर राष्ट्र की अस्मिता को समृद्ध करने का कार्य किया है
भारत की ज्ञान परम्परा चुम्बक की तरह है और पश्चिम की तीखे हथियार की तरह पश्चिम आधिपत्य द्वारा अपने ज्ञान की फैलता है तो भारत अपने दर्शन और जीवन मूल्य के द्वारा ।

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