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“….. सो क्यों मंदा आखिये जित जम्मे राजान” समाज में नारी शक्ति की भागीदारी और महत्व का वंदन हुआ “सिरजनहारी” कीर्तन दरबार में

जमशेदपुर। महिलाओं के सम्मान को समर्पित एकदिवसीय अलौकिक कीर्तन और गुरमत विचार एवं कथा समागम “सिरजनहारी” महिलाओं की भागीदारी और समाज में उनके महत्त्व पर खूब धार्मिक विचार हुए। रविवार को साकची गुरुद्वारा साहिब के पूर्ण वातानुकूलित प्रांगण में रागी बीबी अमनदीप कौर ने जब “….. सो क्यों मंदा आखिये जित जम्मे राजान” अर्थात उसे बुरा क्यों कहा जाये जिसने सृष्टि का सृजन किया है शब्द का गायन किया तो गुरुद्वारा दरबार में मौजूद मातृ शक्ति गर्व से लबरेज हो गयी।
महिला सशक्तिकरण को दर्शाता “सिरजनहारी” अलौकिक कीर्तन दरबार में हरप्रीत कौर, अमनदीप कौर व प्रभजोत कौर, अमित कौर, रविंदर कौर तथा गुरमीत कौर ने संगत को गुरबाणी से जोड़े रखा। दिवान के लिए गुरु दर्शन को साकची गुरुद्वारा साहिब पहुंची संगत के लिए गर्मी की तपिश तनिक भी बाधा नहीं बन पायी।
इस अनोखे कीर्तन दरबार में मुख्यरूप से पंजाब के मोगा से बीबी हरप्रीत कौर ‘वाहेनूर’ और पश्चिम बंगाल के परबेलिया से बीबी प्रभजोत कौर संगत के साथ शब्द गुरु श्री गुरु ग्रन्थ साहिब की अमर बाणी अनुसार गुरमत विचार साझा किया। जबकि लुधियाना से रागी बीबी अमनदीप कौर, धनबाद से अमित कौर और जमशेदपुर की बीबी रविंदर कौर तथा बीबी गुरमीत कौर अपने सुरीले और मधुर गुरबाणी शब्द-कीर्तन गायन से संगत को निहाल किया। इस अवसर पर लंगर हॉल में सिख इतिहास की वीरांगनाओं की तस्वीरें भी प्रदर्शित की गयीं थी।
साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह और महासचिव परमजीत सिंह काले ने “सिरजनहारी” कीर्तन दरबार की आपार सफलता के लिए गुरु रूप साध-संगत का धन्यवाद ज्ञापन किया। दिवान में कमलजीत कौर गिल, बीबी कमलजीत कौर, सेंट्रल स्त्री सत्संग सभा की प्रधान बीबी रविंदर कौर, बीबी गुरमीत कौर, सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह, चेयरमैन सह झारखण्ड राज्य गुरुद्वारा कमिटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह, गुरमीत सिंह तोते, अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, अकाली दल के


सुखदेव सिंह, परविंदर सिंह सोहल, सतबीर सिंह सोमू, चंचल सिंह और गुरशरण सिंह विशेष रूप से हाजरी भरी। मंच का संचालन परमजीत सिंह काले और गुरदीप सलूजा ने किया।
कीर्तन दरबार में सुबह और शाम दोनों वक़्त गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। आयोजनकर्ता गुरदीप सिंह सलूजा और सतीश मुथरेजा ने बताया के साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के आपार सहयोग से “सिरजनहारी” का दिवान का अप्रत्याशित रूप सफल होने से वे अत्याधिक उत्साहित और प्रेरित हैं। सलूजा ने कहा कि गुरुघर में महिलाओं की धार्मिक भागेदारी सुनिश्चित करने तथा उनके धार्मिक ज्ञान और समझ को संगत तक पहुंचाने के उद्देश्य से ही “सिरजनहारी” का आयोजन किया गया था। इस दौरान भाई कन्हैया जी सेवा दल की ओर से छबील लगा कर जल की सेवा भी की गयी।

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