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मुग़लकाल मे हिंदुत्व कि मजबूत तलवार बने मराठा साम्राज्य के स्वाभिमान

सुरेश राजपुरोहित
राजस्थान। छत्रपतिशिवाजी महाराज के वंशज महाराजा संभाजी राजे भोसले ने महाराष्ट्र कि जनता के हितार्थ मराठा आरक्षण कि मांग को लेकर सरकार के सामने आमरण अनसन पर बैठ कर अपने प्रदेश के लिए जीवन तक समर्पित करने का व आख़री सांस तक हक़ अधिकार के लिए आवाज़ उठाने का उनका साहस और इच्छाशक्ति का परिचय दिया।
सच मे महाराजा ने अपने वंसजो के द्वारा स्थापित इस प्रदेश के लोगों कि तकलीफो को मेहसूस किया व अपने प्रभाव का असर सरकार को दिखाने का प्रयास भी किया।
जब एक राजा अपनी जिम्मेदारी निभाने वैरागी कि भांति खडे होकर सरकार को जगा रहे थे तब संत समाज भला कैसे इस भगीरथ कार्य मे अपनी हिस्सेदारी नहीं निभाता।

जगतगुरु संत तुकारामजी व संत ज्ञानेश्वरजी महाराज के वंशज व सम्पूर्ण वारकरी संप्रदाय के मुख्यलोग अपना पूर्ण समर्थन लेकर इस मुहीम मे महाराजा के साथ खड़े हो गए।
आलंदी और देहु के अध्यक्ष और मावल वारकरी समाज के अध्यक्ष और राजस्थान वारकारी समाज के अध्यक्ष ह भ प श्रीमंत रमेश सिंह व्यास राजपुरोहित ने संत समाज कि प्रथमपक्ति कि मुख्य भूमिका निभाई।
ये दृश्य देख कर भक्ति और शक्ति कि दो धाराओं का मिलन लग रहा था।
इस मुहीम को देख कर महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत प्रभाव से महाराजा कि भावनाओं मे लोकहित कि सत्यता को सम्मान देना ही अपना हित समझा।
और सालों से चले आ रहे मराठा आंदोलन को निर्णायक मोड़ पर लाने वाले महाराजा श्री संभाजी राजे भोसले व समस्त संत समाज व प्रदेश के सभी जागरूक लोग जो इस मुहीम से जुड़े सभी का दिल से धन्यवाद 🚩🙏

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