ऐल्यूमिनियम के बर्तनों के उपयोग पर प्रतिबंध के आदेश को कैट ने वापिस लेने की माँग की
जमशेदपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने के दुष्प्रभावों को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है और यह परिपत्र केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को इस आशय के साथ भेज दिया गया है की वो पूरे भारत में अपनी मिड डे मील योजनाओं में एल्युमीनियम के बर्तनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाये। इस सरकुलर को देश के ऐल्यूमिनियम व्यापार के प्रति विपरीत प्रभाव एवं इस व्यापार पर पड़ने वाले दूरगामी नतीजों को ध्यान में रखते हुए कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स तथा ऑल इंडिया ऐल्यूमिनियम यूटेंसिल्स मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडवीया तथा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण को एक पत्र भेजकर इस सर्कुलर के औचित्य पर सवाल उठाते हुए इस सर्कुलर को वापिस लेने का आग्रह किया है । कैट ने इस मुद्दे पर विस्तार से बातचीत करने के लिए श्री मांडवीय एवं श्री राजेश भूषण से मिलने का समय भी माँगा है ।
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया एवं ऑल इंडिया ऐल्यूमिनियम यूटेंसिल्स मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की सरकार के आदेश से एल्युमीनियम बर्तन उद्योग पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा की एक तरफ़ तो ऐल्यूमिनियम से बने प्रेशर कुकर एवं अन्य बरतों को बीआईएस की परिधि में लाया गया है , ऐसे में केवल मिड डे मील के लिए ऐल्यूमिनियम के बर्तनों का उपयोग हानिकारक कैसे हो गया, यह समझ से परे की बात है । देश की एक बहुत बड़ी जनसंख्या आज भी इन बर्तनों के सस्ता होने के कारण इनका उपयोग करती है । देश में हर कोई स्टेनलेस स्टील अथवा क्राकरी का इस्तेमाल नहीं कर सकता है ऐसे में इन बर्तनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना न्यायसंगत नहीं है । उन्होंने यह भी कहा की आज मिड डे मील के लिए उपयोग में लाने वाले बर्तनों पर रोक लगी है तो कल यही रोक सभी प्रकार के ऐल्यूमिनियम के बर्तनों पर भी लग सकती है । इस बारे में स्टेकहोल्डर्स से कोई सलाह मशवरा नहीं किया गया ।
कैट ने कहा की एल्युमीनियम कुकवेयर में खाना पकाना हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है। वास्तव में, यह खाना पकाने के लिए सबसे अच्छी धातु है एवं इसको प्रमाणित करने के लिए टेस्ट रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध है । ऐल्यूमिनियम के बर्तन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, ये अफवाहें मुख्य रूप से प्रतिस्पर्धी धातुओं के बर्तनों के निर्माताओं द्वारा फैलाई गई प्रतीत होती हैं ।देश में गरीब लोग ऐल्यूमिनियम बर्तनों का ही उपयोग करते हैं , इस बात को क़तई भूलना नहीं चाहिए । इस दृष्टि से तर्कहीन आदेश को तुरंत वापिस लेना चाहिए ।