एससी-एसटी की सीटें किसी भी कीमत पर कम न हो बल्कि झारखण्ड में विधान सभा की सीटें 81 से और अधिक बढ़े : विजय शंकर नायक
रांची। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज सदन मे हुए परिसीमन से विधायको द्वारा एसटी सीटों के घटने पर चिंता व्यक्त किये जाने पर आज अपनी प्रतिक्रिया मे कही । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में विधानसभा सीटें पहले ही बढ़ाई गई हैं* तो फिर झारखंड में अब तक सीटें बढ़ा कर दुगुनी क्यों नही होनी चाहिए थीं । जबकि
विधानसभा की सीटें बढ़ाने के लिए सबसे पहले 15 जून 2005 में विधानसभा की कमेटी बनी थी। तत्कालीन भाजपा विधायक कड़िया मुंडा इस कमेटी के संयोजक थे। चार जुलाई 2005 को कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी थी। कमेटी ने विधानसभा की सीटें 81 से बढ़ा कर 150 करने का प्रस्ताव तैयार किया था । इस पर पूरे सदन का अनुमोदन मिला , इसके बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था* उस समय कांग्रेस की सरकार थी आज तो भाजपा की सरकार केन्द्र मे है तो भाजपा के नेता अपने केन्द्रीय नेताओ पर दबाव बना और जल्द से जल्द विधान सभा के सीटों मे वृद्धि करे l श्री नायक ने आगे यह बताया कि झारखंड विधानसभा की सीटें बढ़ाने के लिए पांच बार राज्य से सर्वदलीय प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। झारखंड विधानसभा ने अब तक पांच बार सीटें बढ़ाने की सिफारिश भेजी जा चुकी है। बहुमत से विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया है। झारखंड विधानसभा के गठन से ही राज्य में सीटें बढ़ाने की बात कही गयी है। इस मुद्दे को लेकर विधानसभा के अंदर कई बार चर्चा हुई। 2002, 2004, 2005, 2007 और 2009 में प्रस्ताव सदन द्वारा भेजा गया*। विधानसभा की ओर से सीटें बढ़ाये जाने के लिए मग़र आज तक यह मांग पूरी नहीं हुई l यहां तक कि सांसदों ने भी 2018 में कोडरमा के तत्कालीन सांसद रवींद्र कुमार राय ने 2018 में लोकसभा के अंदर झारखंड विधानसभा विधानसभा की सीटों की संख्या भी 81 से बढ़ा कर 150 करने की मांग की थी। जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, पलामू सांसद वीडी राम और तत्कालीन रांची सांसद रामटहल चौधरी ने भी इसका समर्थन किया था और झारखण्ड में विधान परिषद के गठन की भी मांग की थी मगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई l राज्य के सभी दल खासकर भाजपा, कांग्रेस,झामुमो, राष्ट्रीय जनता दल, माकपा, भाकपा,आजसू जेएलकेएम के विधायको से अपील किया कि वे दलगत भावना से उठकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,विपक्ष के नेता राहुल गांधी से इस संबंध मे भेंट कर उनसे राज्यहित मे अनुरोध करे की झारखंड विधान सभा की सीटों मे वृद्धि किया जाय ताकि राज्य में विधान पारिषद गठन की मांग भी पूरा हो l राज्य में मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई विधानसभा क्षेत्र के आकार और वोटरों की संख्या तीन विधानसभा क्षेत्र के बराबर हो गई है। सीटें बढ़ेंगी तो क्षेत्र के विकास पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर पाएंगे माननीय विधायक लोग अपने क्षेत्र का विकास तीव्र गति से विकास कर सकेंगे l आज समय की मांग है कि राज्य में विधानसभा की सीटें 160 होनी चाहिए। इसके लिए कई बार पहल भी हुई है। सीटें बढ़ाने के साथ-साथ विधान परिषद के गठन पर भी विचार गंभीरता से होनी चाहिए जिससे राजनैतिक व प्रशासनिक संतुलन के लिए राज्य में बना रहे l अगर इस बार राज्य विधान सभा की सीटें नही बढ़ी तो इसके लिए केन्द्र की भाजपा सरकार शत प्रतिशत दोषी मानी जाएगी क्योंकि इससे पूर्व भाजपा नेताओ ने ही इसकी पहल की थी अभी केन्द्र मे भाजपा की सरकार है अब बहाना नही चलेगा ।