FeaturedJamshedpurJharkhandNational

उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के पहले वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता 2023 में मुख्य अतिथि के रूप में हुए शामिल

देश-विदेश में अपनी खेल प्रतिभा का परचम लहरा चुके युवा प्रतिभाओं को किया सम्मानित

जमशेदपुर। जेआरडी टाटा स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में आयोजित जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के पहले वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता- 2023 में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए । इस अवसर पर उन्होने मार्च पास्ट की सलामी ली तथा युवा महिला खिलाड़ी जिन्होने देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया उन्हें सम्मानित कर उत्साहवर्धन किया । इस अवसर पर जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अंजीला गुप्ता, खेल प्रशिक्षक हसन इमाम, रजिस्ट्रार राजेन्द्र जायसवाल, स्पोर्टस के चेयरमैन तथा अन्य प्रोफेसर व यूनिवर्सिटी की छात्रायें मौजूद रहीं ।

बेटियां पढ़ें आगे-बढ़ें, खेल में भी हमेशा अव्वल रहें

जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि व्यक्तिगत रूप से यह मेरे लिए हर्ष की बात है जहां युवा प्रतिभाओं को संबोधित करने का अवसर मिला है । हमारे देश, राज्य और समाज के भविष्य युवा हैं, छात्र-छात्रायें हैं और इनको संबोधित करते हुए समाज में आगे आने और समाज में बदलाव लाने के लिए प्ररित कर पाऊं तो काफी खुशी होगी ।

युवा खेल से जुड़ें, फिट रहें

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि विज्ञान के इस युग में, इंटरनेट की दुनिया में हमलोग लगातार छोटे-छोटे बच्चे हों या बुजुर्ग तक एक कमरे में, कुर्सी पर कैद होते जा रहे हैं जिसकी वजह से शारीरिक और मानसिक-स्वास्थ्य पर विपरित परिणाम पड़ रहे हैं । खेल एक ऐसी विधा है जो आपके जीवन भर साथी बनकर रहती है। शारीरिक फिटनेस के अलावा तनावरहित जीवन बिताने के लिए मदद करती है ।

तैयारी और प्रयत्न करने से कभी पीछे नहीं हटें

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि खेल के साथ खेल भावना बहुत महत्वपूर्ण है । खेलभावना हमें हार जीत को एक सकारात्मक तरीके से लेकर अपने जीवन में बेहतर प्रदर्शन करने की सीख देती है । हम सभी लोग मेहनत करते हैं, तैयारी करते हैं, संघर्ष करते हैं कि जहां भी हमलोग प्रतिभाग लेते हैं वहां जीतें। लेकिन जरूरी नहीं कि सभी लोग जीतें । इसे नकारात्मक भाव से नहीं लेना है क्योंकि हार-जीत जीवन का अविभाज्य अंग है । तैयारी और प्रयत्न से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए ।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि हमारे झारखंड के युवाओं में खेल को लेकर नैसर्गिक प्रतिभा है। सरकार द्वारा भी खिलाड़ियों के आर्थिक, सामाजिक उत्थान की दिशा में कई पहल किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल विजेताओं को सरकारी नौकरी में सीधी नियुक्ति देनी हो या खेल प्रतियोगिता के आयोजन से पंचायत और प्रखंड स्तर तक के प्रतिभाओं को तराशा जा रहा है ।

Related Articles

Back to top button