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उपायुक्त ने डुमरिया प्रखंड में की समीक्षा बैठक, सभी विभागों के योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा कर विकास योजनाओं में प्रगति लाने के दिए निर्देश

सभी प्रखंडों के एमओआईसी टेलिमेडिसिन सेवा शुरू करें, ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को मजबूती देने में काफी अहम : विजया जाधव

जमशेदपुर। डुमरिया प्रखंड कार्यालय में जिले की उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव ने करीब 4 घंटे चली लंबी बैठक में सभी विभागों के योजनाओं में प्रगति की बिंदुवार समीक्षा की। आवास, पेंशन, राशन, मनरेगा तथा ग्रामीण विकास की अन्य योजनायें, पशुधन, पेयजल, 15वां वित्त, महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण, अंचल कार्यालय, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि विभाग समेत अन्य सभी विभागों की समीक्षा कर संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए । बैठक में वरीय प्रभारी डुमरिया- सह- डीसीएलआर श्री रविन्द्र गागराई, जिला परिवहन पदाधिकारी श्री दिनेश रंजन, बीडीओ श्री साधुचरण देवगम, सीओ श्री रामनरेश सोनी, बीडीओ मुसाबनी श्रीमती सीमा कुमारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रोहित कुमार मौजूद रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा को मजबूती देने के उद्देश्य से उन्होने सभी एमओआईसी को टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने के निर्देश दिए । उन्होने कहा कि इस सेवा से ग्रामीण घर बैठे चिकित्सीय परामर्श ले सकेंगे, सर्दी, खांसी, बुखार जैसी छोटी समस्याओं के लिए प्रखंड मुख्यालय आने जाने में उनका समय नहीं लगेगा । डुमरिया सीएचसी की जर्जर हालत को देखते हुए उन्होने 29 दिसबंर तक पुराने प्रखंड कार्यालय में शिफ्ट कर शुरू करने का निर्देश दिया । एमओआईसी से वैक्सीनेशन, फाइलेरिया उन्मूलन, टीबी जांच अभियान की भी समीक्षा की गई । एमओआईसी ने बताया कि 18 हेल्थ सब सेंटर में से 4 को एएनएम की कमी के कारण बंद रखा जाता है। उपायुक्त ने तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर सीएचओ को उक्त सभी 4 हेल्थ सेंटर में प्रतिनियुक्त करते हुए सभी 18 सेंटर शुरू रखने के निर्देश दिए वहीं सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त डुमरिया की एनएनएम को जल्द प्रखंड मुख्यालय में सेवा वापसी को लेकर आश्वस्त किया । सभी हेल्थ सेंटर के बाहर खुलने का समय भी लिखने का निर्देश दिया गया ताकि ग्रामीणों को सेंटर आने पर असुविधा का सामना नहीं करना पड़े । चिकित्सकों का ड्यूटी रोस्टर भी बनाने का निर्देश दिया गया। डिलीवरी के लिए जिला मुख्यालय रेफर नहीं करना पड़े इसके लिए उपायुक्त ने गायनेकॉलोजिस्ट की सेवा कम से कम 2 दिन प्रखंड मुख्यालय में शुरू करने को लेकर आश्वस्त किया।

जन्म प्रमाण पत्र नहीं बने होने के कारण महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तीसरे किश्त की राशि जारी नहीं हो पाने पर उपायुक्त ने अंचल अधिकारी को इसका संज्ञान लेते हुए तत्काल जन्म प्रमाण पत्र निर्गत कराने के निर्देश दिए । महिला पर्यवेक्षिका ने बताया कि 33 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है, उपायुक्त ने 15वां वित्त से शौचालय बनवाने के निर्देश दिए । बारीडीह एवं खैरबनी आंगनबाड़ी केन्द्र में सेविका के रिक्त पदों को लेकर नोटिस जारी करते हुए 26 दिसंबर तक ग्राम सभा करते हुए भरने का निर्देश दिया गया। प्रखंड में चिन्हित किए गए 06 SAM बच्चों को यथीशीघ्र एम.टी.सी भेजने तथा 237 MAM बच्चों का नियमित होम विजिट कर महिला पर्यवेक्षिका को जरूरी पोषाहार के प्रति उनके अभिभावकों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया ताकि वे SAM कैटेगरी में नहीं जा पायें । 04 बच्चे जिनकी पिछले नाह होम डिलिवरी हुई है उनके घर जाकर भी सभी जरूरी टीका लगवाने, बाहु, वजन, लंबाई मापने का निर्देश दिया गया।

सावित्रीबाई फुले योजना के तहत डुमरिया प्रखंड में 1448 बालिकाओं से आवेदन प्राप्त हुए हैं। उपायुक्त ने यथीशीघ्र पोर्टल पर इंट्री सुनिश्चित करने के निर्देश ताकि सभी बालिकाओं को इसका लाभ मिल सके । बीडीओ डुमरिया को एस.एच.जी(SHG) की अध्यक्ष/सचिव के साथ बैठक कर पशुधन योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीणों के लिए गाय, बकरा, मुर्गी, सुकर, बत्तख पालन की ये योजनायें बहुपयोगी होगी जिसे सरकार 75 से 90 प्रतिशत के अनुदान पर दे रही है । सभी गांवों में कम से कम मनरेगा की 5 योजनायें संचालित करने, लंबित आवास के लाभुकों को नोटिस देते हुए जल्द निर्माण कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया गया ।
दंपाबेड़ा में 27 सबर परिवारों को पहाड़ पर रहने तथा आने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं होने की जानकारी मिलने पर उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि वे उन परिवारों से मिलकर जरूरी सुविधाओं को बहाल करने का प्रयास करेंगी । मौके पर उन्होने अभियंता को बुलाकर सीढ़ीनुमा रास्ता बनाने के निर्देश दिए। बीडीओ द्वारा बताया गया कि उक्त सबर परिवारों के लिए पहाड़ के नीचे बिरसा आवास बनाया गया है लेकिन वे पहाड़ से आकर नीचे नहीं रहना चाहते हैं जिस कारण योजनाओं का लाभ देने में कुछ असुविधा है।

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