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उपायुक्त की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक

किताबी ज्ञान से ज्यादा जरूरी है कि बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा भी मिले ताकि वे बाहरी दुनिया में खुद को स्थापित कर सकें, विपरित परिस्थितियों में भी अनुकूलता बनाये रख पायें : विजया जाधव

जमशेदपुर। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, सुंदरनगर में शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक जिला उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में समग्र शिक्षा, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं मध्याह्न भोजन योजना आदि की समीक्षा की गई जिसमें उप विकास आयुक्त श्री प्रदीप प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री एस डी तिग्गा, जिला स्तरीय सभी प्रभाग प्रभारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता उपस्थित थे । स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 से संबंधित समीक्षा के क्रम में जिला उपायुक्त द्वारा शेष बचे विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन 02 दिनों में कराने एवं सभी विद्यालयों का फाइनल सबमिशन अविलंब कराने का निर्देश गया । साथ ही वैसे निजी विद्यालय जो लॉक डॉन के कारण बंद हो गए हों उनकी सूची जांचो उपरांत सभी प्रखंडों को जिला मुख्यालय को तत्काल उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया।

जिला उपायुक्त द्वारा विद्यालयों में बिजली सुविधा की उपलब्धता को लेकर स्पष्ट आदेश दिया गया कि जिन विद्यालय का विद्युत कनेक्शन नहीं किया गया है इसकी रिपोर्ट विभाग के एक इंजिनियर से लिखित रूप में लेते हुए सूची सहित प्रतिवेदन जिला मुख्यालय में उपलब्ध करायेंगे । जिन 67 जर्जर विद्यालयों को ध्वस्त करा दिया गया है, उनकी सूची भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ताकि जिला की योजना में शामिल करते हुए नया भवन का निर्माण कराया जा सके । पेयजल एवं शौचालयों की क्रियाशीलता के संबंध में सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को एक बार पुन: मूल्यांकन करने के बाद इसकी सूचि उपलब्धि कराने का निदेश दिया गया । दस दिनों के अंदर सभी विद्यालयों में रंग रोगन, शौचालय एवं पेयजल सुविधा को क्रियाशील करने तथा ब्लैकबोर्ड का रंग रोगन इत्यादि का कार्य आवश्यक रूप से पूर्ण करा लेने का निर्देश दिया गया। जिला उपायुक्त ने कहा कि सभी विद्यालयों में मासिक मूल्यांकन प्रारंभ किया जाए ताकि बच्चों की उपलब्धि के अनुसार रेमेडिअल क्लास चलाया जा सके । साथ ही कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की समीक्षा की गई।

जिला उपायुक्त द्वारा बैठक से पहले विभिन्न कक्षाओं का निरीक्षण कर छात्राओं से संवाद स्थापित करते हुए उनका मार्गदर्शन किया गया। इस दौरान उन्होने कक्षा 7 में मैथ्स तथा कक्षा 8 में इकोनॉमिक्स की क्लास ली तथा बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा देने पर बल दिया। उन्होने कहा कि किताबी ज्ञान से ज्यादा जरूरी है कि बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा भी मिले ताकि वे बाहरी दुनिया में खुद को स्थापित कर सकें साथ ही विपरित परिस्थितियों में भी अनुकूलता बनाये रखने में सफल हो। जिला उपायुक्त सभी शिक्षिकाओं को सलाह दिया गया कि कांसेप्ट बेस्ड लर्निंग का प्रयोग करें, बच्चे को प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करें तथा शिक्षक भी इंटरनेट के माध्यम से अपने आप को अपडेट रखें । जिला उपायुक्त द्वारा विशेष तौर पर साफ-सफाई, मेन्सट्रूअल हाईजीन, गुड टच-बैड टच आदि को लेकर कहा गया कि विद्यालय में जहां बच्चे अपने जीवन का कीमती समय व्यतीत करते हैं वहां सिर्फ किताबी ज्ञान देना बेमानी होगी। बच्चों के समग्र मानसिक एवं शारीरिक विकास का भी ध्यान रखना हम सभी की जिम्मेदारी है । इस दौरान उन्होने विद्यालय परिसर में साफ-सफाई तथा किचेन एवं उपलब्ध अन्य सुविधाओं का भी अवलोकन किया। किचेन के निरीक्षण के क्रम में भोजन के गुणवत्ता की जांच की तथा पौष्टिक एवं मेन्यू अनुसार भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

जिला उपायुक्त ने स्वस्थ बच्चे: स्वच्छ विद्यालय जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

जिला उपायुक्त द्वारा समीक्षा बैठक के उपरांत स्वस्थ बच्चे: स्वच्छ विद्यालय को लेकर जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया । उन्होने कहा कि यह रथ बच्चों को स्वच्छता संबंधित गतिविधियों की जानकारी देगा। साथ ही क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की आंशिक मरम्मत में सहयोग करेगा। उपायुक्त ने कहा कि स्वच्छता के साथ-साथ अपने स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छता संबंधी आदतों को आत्मसात करना आवश्यक है।

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