उपायुक्त कार्यालय पर लंबित विकास योजनाओं को लेकर धरना-प्रदर्शन
बन्ना-अजय पर जम कर बरसे सरयू राय बोले सरयू
अजय कुमार की पार्टी सरकार चला रही है, रोजगार के सवाल वो मुझसे पूछ रहे हैं
जमशेदपुर । मंगलवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने उपायुक्त कार्यालय पर लंबित विकास योजनाओं और विकास कार्यों की धीमी गति को लेकर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया। धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. अजय कुमार पर जम कर प्रहार किया। इस धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में जनता दल (यू) और भारतीय जनतंत्र मोर्चा के कार्यकर्ता भी शामिल थे।
30 करोड़ की योजनाएं शुरु होनी हैं
अपने भाषण में सरयू राय ने कहा कि उन्होंने मात्र तीन साल में 155 करोड़ रुपये की योजनाओं को लागू करवाया। इसके बावजूद अभी भी कभी करीब 30 करोड़ की योजनाएं ऐसी हैं, जिनका पूरा पैसा जिला में आ जाने के बाद भी काम प्रारंभ शुरु नहीं हो पाया है। उन योजनाओं के लिए जब हम लोगों ने धरना-प्रदर्शन की सूचना दी तो उपायुक्त सक्रिय हुए और उन्होंने बाकायदा लिखित में जानना चाहा है कि अब तक योजनाएं क्यों नहीं लागू हुई।
डॉ. अजय मुझसे बेरोजगारी के सवाल पूछ रहे हैं
सरयू राय ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने रोजगार नहीं दिया। सरकार डॉ. अजय कुमार की पार्टी चला रही है और इस तरह के सवाल वो मुझसे पूछ रहे हैं। इसी तरह मालिकाना हक का मामला है। वह मुझसे सवाल पूछ रहे हैं कि उसे क्यों नहीं लागू करवाया।
मालिकाना हक के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं
उन्हें पता ही नहीं कि मालिकाना हक के मामले में मैंने विधानसभा में चार बार प्रस्ताव रखा लेकिन राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार ही नहीं किया। उन्हें कोई जानकारी है ही नहीं। बस सवाल पूछना है, इसलिए सवाल पूछते रहते हैं। श्री राय ने कहा कि डॉ. अजय कुमार को पूछना चाहिए बन्ना गुप्ता से कि मंत्री रहते आपके क्षेत्र में एमजीएम अस्पताल की स्थिति क्यों नहीं सुधरी।
टाटा स्टील के खिलाफ कुछ बोल कर दिखाएं
श्री राय ने कहा कि डॉ. अजय कुमार टाटा स्टील की नौकरी करते थे। उनमें हिम्मत नहीं कि वे टाटा स्टील के खिलाफ आवाज उठाएं। हमने टाटा स्टील की गर्दन पर हाथ रखकर जनहित में योजनाओं को लागू करवाया। जब हमने अजय कुमार के मालिक के गर्दन पर हाथ डालकर इतना सब काम करवा लिया तब अजय कुमार कह रहे हैं कि कोई काम हुआ ही नहीं। उन्हें पता भी नहीं होगा कि बाबूडीह से लेकर लालभट्ठा तक साफ पानी की आपूर्ति के लिए हमलोगों के दबाव डालने पर ही टाटा ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया। अनेक इलाकों में पाइपलाइन बिछ गई है। दुर्भाग्य की बात है कि अभी पानी देना प्रारंभ नहीं हुआ। इसीलिए हम लोग धरना दे रहे हैं, इस उम्मीद के साथ कि बहुत जल्द ही पानी देने का काम भी शुरु हो जाएगा।
नाला आधारित योजना शहर के लिए अहम
श्री राय ने कहा कि वह टाटा स्टील, जुस्को और जेएनएसी से कह रहे हैं कि आप लोग नाला आधारित योजना बनाएं। घरों में पानी जा रहा है तो वहां (घरों) से पानी निकलेगा। बड़े नालों की मरम्मत करें। छोटे नालों की भी मरम्मत करें। छोटे नाले, बड़े नालों में ही जाकर मिलते हैं। आकलन करें। जुस्को जमशेदपुर की सफाई का काम करे। यह काम शुरू हुआ ही नहीं। इसीलिए तो धरना दे रहे हैं।
सिर्फ जमशेदपुर में नगर पालिका का गठन नहीं
पूरे देश में नगरपालिकाओं का गठन हो गया। सिर्फ जमशेदपुर ही एक ऐसा शहर है, जहां नगरपालिका का गठन नहीं हुआ। यहां दोहरी शासन पद्धति चल रही है। टाटा स्टील का जुस्को और राज्य सरकार का जेएनएसी भी चल रहा है। इन दोनों को मिलाकर नगर निगम बना दीजिए। नगर निगम में दिक्कत है तो औद्योगिक शहर समिति बना दीजिए। सरकार औद्योगिक शहर समिति बनाने के लिए तैयार है। प्रस्ताव पास कर दिया। जब कहीं भी औद्योगिक शहर समिति बनती है तो उसके
अध्यक्ष उपायुक्त होते हैं। यहां भी कानून में यही है।
स्वास्थ्य मंत्री की बेकार की जिद
लेकिन यहां के स्वास्थ्य मंत्री ने इसको लेकर अड़चन लगा रखी है। कैबिनेट में दबाव डाल रखा है। वह कह रहे हैं कि स्थानीय मंत्री को इसका अध्यक्ष होना चाहिए। इस पर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी कि स्थानीय मंत्री ही अध्यक्ष होंगे। अगले ही दिन मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि यह कभी लागू नहीं हो सकता है। सरकार अगर कानून के खिलाफ कोई नोटिस निकाल देगी तो वह लागू नहीं होगा। साल भर हो गया, वह लागू नहीं है। अगर मानगो में नगर निगम नहीं बना, जमशेदपुर औद्योगिक शहर समिति नहीं बन पाई तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ स्थानीय मंत्री ही जिम्मेदार हैं। अगर सफाई नहीं हो पा रही है तो इसका एकमात्र जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री हैं। खुद अध्यक्ष बनने के लिए इस आदमी ने सरकार से गलत काम कराया। सरकार भी ऐसी कि उसने गलत काम किया। हम जब इसका विरोध कर रहे हैं, धरना दे रहे हैं तो हमसे ही सवाल पूछ रहे हैं।
एमजीएम की तबियत क्यों नहीं सुधरती?
श्री राय ने कहा कि उन्होंने अपने पीए से कहा कि बजट देखो और पता करो कि स्वास्थ्य विभाग में कितना धन खर्च हुआ है। मुझे लगता है कि बीते पांच साल में स्वास्थ्य विभाग में कम से कम 5000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। आखिर ये पैसा गया कहां? एमजीएम हॉस्पिटल में सुधार नहीं है। सदर अस्पताल में सुधार नहीं है। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। घटिया दवा खरीदी जा रही है। अधिक कीमत पर दवाईयां खरीदी जा रही हैं। इस बात को उन्होंने विधानसभा में भी उठाया। सरकार निरुत्तर थी। एंबुलेंस खरीद कर पड़ा हुआ है। एंबुलेंस में जो इंस्ट्रूमेंट चाहिए, वो गायब हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। कार्रवाई होनी चाहिए।
अथ श्री प्रोत्साहन भत्ता कथा
सरयू राय ने कहा कि सरकार ने निर्णय किया कि कोरोना में जो अफसर-कर्मचारी काम कर रहे थे, उन्हें प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। मंत्री ने अपना प्रस्ताव बढ़ा दिया कि हमको भी मिलना चाहिए। हमारे ऑफिस में जितने हैं, सभी को मिलना चाहिए। 59 लोगों के नाम जोड़ दिये। जब उन्होंने दस्तावेज के साथ मुख्यमंत्री को लिखा तो ये नहीं कहा मंत्री ने कि उसने भ्रष्टाचार किया। मंत्री यह कह रहे हैं कि मैंने उनके दफ्तर से कागज कैसे निकलवा लिया? हमने चोरी कर लिया! उन्होंने हमारे ऊपर एफआईआर करा दिया।
गलत करने वालों पर कोई एक्शन क्यों नहीं
श्री राय ने कहा कि बन्ना गुप्ता ने मेरे ऊपर कुल 6 एफआईआर कराये। जो गलत करेगा, उस पर कोई कार्रवाई नहीं। जो गलत काम का भंडाफोड़ करेगा, उस पर एफआईआर हो जाएगा। मानहानि का मुकदमा किया है बन्ना ने उनके ऊपर। मामला क्या है? मामला ये है कि हम जब उनके खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उनकी मानहानि होती है, बेइज्जती होती है। दो साल हो गए। मानहानि मामले में बन्ना गुप्ता एक बार भी नहीं गए और ना ही अपना बयान दर्ज कराया। जब आपका कोई मान-सम्मान ही नहीं तो मानहानि कैसी? यही साबित करने के लिए हम लोग डटे हुए हैं।
मेरे खिलाफ एफआईआर के लिए फाइल पर लिखा
श्री राय ने कहाः बन्ना गुप्ता ने अपनी फाइल में लिखा कि मेरे (सरयू राय) खिलाफ एफआईआर कीजिए। मैं मंत्री था तो इन्हें लगा कि बहुत गड़बड़ हुआ होगा। बुल्डोजर और जेसीबी लेकर गोदाम-गोदाम लगे खोजने कि कुछ तो मिले। कडरू के गोदाम में सड़ा हुआ अनाज गाड़ा गया था। बन्ना ने कडरू में जेसीबी से जमीन खुदवायी। फिर अखबार वालों को बुलाया और कहा कि मेरे समय में भ्रष्टाचार हुआ है। जब आफिस आए तब अफसरों ने बताया कि ये मामला तो 2008 का है। उसके बाद बन्ना की घिग्घी बंध गई। चुप हो गए।
फार्मेसी कौंसिल के रजिस्ट्रार की बहाली में अयोग्य नाम
श्री राय ने कहा कि फार्मेसी कौंसिल के रजिस्ट्रार की बहाली में एक ऐसा नाम बन्ना ने भेज दिया, जो अयोग्य था। इसमें एक करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ है, ऐसा मुझे बताया गया। मैंने इस बात को उठाया और सचिव को लिखा। सचिव ने मेरे पत्र के आलोक में उस नाम का नोटिफिकेशन नहीं किया। आज तक नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। अजय कुमार इन मंत्रियों के बारे में कोई सवाल नहीं पूछते हैं। वो हमसे पूछते हैं कि हम इस तरह के सवाल क्यों उठाते हैं। सरकार आपकी है, करप्शन हो रहा है, हम सवाल उठाएं तो हम पर एफआईआर। जो करप्शन करने वाले हैं, उन पर कोई कार्रवाई ही नहीं। ऐसे सरकार चलती है क्या?
टाटा की सड़कें मंत्री ने बंद करा दी
सरयू राय ने कहा कि कदमा चले जाइए। वहां टाटा की दोनों सड़कें इस आदमी ने बंद कर दी। फ्लैट में रहने वालों को घूम कर आना पड़ता है। संजीव आचार्या नामक एक सज्जन ने इस मुद्दे को उठाया तो उन पर भी एफआईआर हो गया। वह डर कर बैठ गए। यह धरना इसलिए भी है कि जो 30 करोड़ की योजनाएं लंबित पड़ी हैं, उसे उपायुक्त जेएनएसी से लागू करवाएं, उन पर काम करवाएं। वह चाहें तो टाटा स्टील के लोगों को बुलाएं, जुस्को के लोगों को बुलाएं और उनसे पूछें कि आप लोग अपना काम क्यों नहीं कर रहे हैं।
श्री राय़ ने कहा कि लिट्टी चौक से भिलाई पहाड़ी नेशनल हाईवे तक स्वर्णरेखा नदी पर पुल बनेगा और पौने चार किलोमीटर सड़क बनेगी। यह योजना पिछले 10 साल से चल रही थी। लागू नहीं हो रही थी। विधानसभा में सवाल उठाकर सरकार पर दबाव बनाकर इसे स्वीकृत कराया। योजना स्वीकृत हो गई। टेंडर हो गया। ठेकेदार बहाल हो गया। 4 को मुख्यमंत्री जी इसका शिलान्यास करेंगे।