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उपायुक्त अनन्य मित्तल ने की विकास योजनाओं की समीक्षा, कहा- आपसी समन्वय से विकास कार्यों में लाएं तेजी

विकास योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शिता के साथ करें, गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें : उपायुक्त

जमशेदपुर। समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई जिसमें विकास योजनाओं की समीक्षा कर सम्बंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया । बैठक में उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, अपर उपायुक्त रोहित सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, निदेशक एनईपी श्रीमती ज्योत्स्ना सिंह, एसओआर दीपू कुमार, रजक समेत अन्य सभी विभागीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी उपस्थित थे ।

जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त द्वारा सभी बीडीओ को विकास योजनाओं के सघन अनुश्रवण का निदेश दिया गया । उन्होने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता से समझौता नहीं होनी चाहिए, तथा समयबद्ध रूप से योजनाओं का क्रियान्वयन हो तभी उद्देश्य की पूर्ति हो सकेगी। साथ ही दिशा की बैठक में संज्ञान में लाये गए विषयों के ससमय निष्पादन का निर्देश दिया गया।

राज्य सरकार के निर्णयानुसार अब राज्य के महिलाओं, अनुसूचित जनजाति (ST) तथा अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के 50-60 वर्ष आयुवर्ग के व्यक्तियों को मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है । राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 50-60 वर्ष आयुवर्ग के महिलाओं, अनुसूचित जनजाति (ST) तथा अनुसूचित जाति (SC) के व्यक्तियों को शत-प्रतिशत योजनाओं से आच्छादित किया जाना है। इस संबंध में सभी प्रखण्डों में पंचायतवार शिविरों का आयोजन दिनांक- 20/02/2024 से 22/02/2024 तक किया जाएगा । इस योजना के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु 14 से 19 फरवरी तक अभियान चलाने तथा 20 से 22 फरवरी तक कैम्प के आयोजन हेतु निर्देशित किया गया। जितने भी लाभुक हैं जिनका जाति प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बन पाया है उनका जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन कैंप में प्राप्त करने का निर्देश दिया ।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा क्रमवार सभी विभागों के योजनाओं में प्रगति की समीक्षा करते हुए दिए गए लक्ष्य के विरूद्ध क्या उपलब्धि रही इसकी जानकारी ली गई । उन्होने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ सभी सुयोग्य लाभुकों तक ससमय पहुंचे इसे सुनिश्चित करें।

योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर दिखे

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने वन पट्टा के लंबित आवेदनों को स्वीकृत कर वितरण में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की समीक्षा में प्रगति धीमी पाई गई। लाभुक अंशदान में अपेक्षित प्रगति नहीं होने के कारण योजना में प्रगति धीमी है, उपायुक्त द्वारा लाभुकों को योजना के लाभ के संबंध में जागरूक करने, राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे 75% एवं 90% की सब्सिडी के संबंध में विशेषकर जनजागरूकता लाने का निदेश दिया गया। दुधारू गाय की योजना, बत्तख, कुक्कुट पालन आदि की योजना से लोगों को आर्थिक लाभ होगा । बैठक में प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक, फसल राहत योजना एवं स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता तथा संबद्ध विभाग, कल्याण, ग्रामीण विकास की अन्य सभी विभागीय योजनाओं में प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी विभागीय पदाधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निदेश दिया गया।

जिलेवासियों से एम.डी.ए के तहत दिए जाने वाले दवा का सेवन करने की अपील

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मी को फाइलेरिया उन्मूलन हेतु दवा का सेवन कर लोगों को प्रेरित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि एम.डी.ए के तहत दिए जाने वाले डीईसी व अल्बेंडाजोल का सेवन से जिला में हाथीपांव जैसी बीमारियों पर पूर्णतः अंकुश लगाया जा सकता है।

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान 10 फरवरी से 25 फरवरी तक जिले के सभी प्रखंडों में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा वितरित की जा रही। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोग से पीड़ित लोग इस दवा का सेवन नहीं करेंगे। जिले की कुल आबादी का 85 फीसदी लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। आंगनबाड़ी सेविका और स्वास्थ्य विभाग के सहिया के देखरेख में यह कार्यक्रम किया जा रहा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला अंतर्गत 4339 दवा प्रशासक एवं 254 सुपरवाइजर को प्रशिक्षित किया गया है।

अबुवा आवास योजना के अन्तर्गत किए गए कार्यों की समीक्षा के क्रम में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा दिए गए लक्ष्य के विरूद्ध अबतक के कार्यों की जानकारी ली गई । उन्होने कहा कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ सभी लाभुकों तक पहुंचे इसे सुनिश्चित करेंगे । उन्होंने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को प्राप्त आवेदनों के सत्यापन में तेजी लाते हुए यथाशीघ्र शत प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया । उन्होंने कहा कि आवेदनों की तय समयसीमा में भौतिक सत्यापन किए जाने की आवश्यकता है, जिससे सभी सुयोग्य लाभुकों को अबुआ आवास का लाभ मिल सके।

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