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पूजा बनाम अमित मामले में अमित द्वारा दायर पिटीशन ने खोले कई राज

जमशेदपुर के चर्चित पूजा कुमारी बनाम अमित कुमार सिंह के मामले में सीआरपीसी 340 के अंतर्गत जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में दिनांक 17 अगस्त 2022 को मुकर्रर सुनवाई की तारीख में अमित कुमार सिंह के द्वारा सीआरपीसी 190 के अंतर्गत पूजा कुमारी एवं उनके परिवार वालों के मिथ्या बयान, मिथ्या साक्ष्य, मिथ्या शपथ पत्र इत्यादि पर विभिन्न धाराओं में संज्ञान लेने हेतु आग्रह किया गया। अब सबकी नजर न्यायालय के आदेश पर टिकी हुई है इसी क्रम में जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के द्वारा 7 सितंबर 2022 को सुनवाई की अगली तारीख मुकर्रर की गई है।

अमित कुमार सिंह के द्वारा दायर पिटीशन के अनुसार:-

पूजा के बड़े पिता श्रीकांत सिंह के द्वारा कदमा थाने में दायर प्राथमिकी में कहा गया कि डॉक्टर ने बताया कि जहर पूरे शरीर मे फैल गया। लेकिन न्यायालय में कहा गया कि मुझे किसी चिकित्सक ने नही बताया की जहर शरीर मे फैला है।

पूजा कुमारी की माँ सरोज देवी ने अमित पर अनैतिक दबाव बनाया की संपत्ति पूजा कुमारी के नाम पर कर दे। साथ ही अमित और सास सरोज देवी के फोन संवाद से खुलासा हुआ कि पूजा अपने पति के साथ ससुराल में खुश है उसे किसी चीज़ की कमी नही है लेकिन भाभी रीतू कुमारी किसी को चैन से रहने नही दे रही है। यहाँ तक कि रीतू कुमारी के आतंक के कारण पूजा ने अपनी सगी माँ को वृद्ध आश्रम मे रहने और भीख मांग कर गुजारा करने को कहा, रीतू कुमारी के मायके से वापस आते ही जो सबसे लड़कर मायके गई थी ।

इसी क्रम में पूजा के छोटे भाई अमित और बड़ी भाभी रीतू कुमारी के नाजायज संबंधों का भी खुलासा हुआ जो इस रिश्ते को तोड़ने का आधार बना।

पूजा कुमारी ने खुद स्वीकारा कि पिता जी एवं बड़े पिताजी ने शादी में दहेज दिया इसके कारण दहेज निषेध अधिनियम धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज कर कारवाई की अपील की गई है।

जानकारी अनुसार दहेज निषेध अधिनियम धारा 3 दहेज देना एवं दहेज लेनदेन में सहयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसके तहत 5 साल तक की  सजा और जुर्माना स्वीकार की गई अधिकतम राशि है।
एक महत्वपूर्ण बात सामने आई कि बिना किसी आदेश या आवश्यकता के दिनांक 28 सितंबर 2019 को कोलकता में पूजा के शरीर में फैले जहर के ईलाज के बजाय एच आई वी जाँच की आवश्यकता क्यों पड़ी ? यह जांच का विषय है।

पूरा प्रकरण 420 का है, दहेज निषेध अधिनिमयम- 3, आईपीसी की धारा- 177, 196, 420, 362, 384, 387, 120 b, 34, 499, 500, 182, 211, 114 साथ ही सीआरपीसी340 के तहत माननीय न्यायलय में शपथ लेकर झूठी गवाही देने पर भादवि 193 के तहत कारवाई की अपील की गयी है।
ज्ञात हो कि जब कोई भी व्यक्ति कोर्ट में शपथ लेकर किसी को फसाने के उद्देश्य से झूठी गवाही देता है सीआरपीसी 340 के अंतर्गत 195 में आवेदन का प्रावधान है जिसमे न्यायलय जांच कर संज्ञान लेती है और खुद ही मुकदमा दर्ज करती या करवाती है। भादवि 193 के अंतर्गत सजा 7 तक की हो सकती है।

मामले में पुजा कुमारी, पिता जय नारायण सिंह, बड़े पिता श्रीकांत सिंह, बड़ी भाभी रितु कुमारी, माँ- सरोज देवी, भाई अमरेंद्र सिंह(पिता- श्रीकांत सिंह) को प्रतिवादी बनाया गया है

क्या है मामला:-
सन 2019 में कदमा निवासी अमित कुमार सिंह पर उनकी पत्नी श्रीमती पूजा कुमारी ने मारपीट एवं जबरन जहर पिलाने के साथ साथ अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके विपरीत सबूतों, बयानों एवं शपथपत्रों में त्रुटि एवं झूठा प्रतीत होने के कारण अमित कुमार सिंह के तरफ से सीआरपीसी, 340 के तहत मामला दर्ज किया गया।

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